लखनऊ की किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ट्रामा सेंटर में शनिवार रात लगी भीषण आग के दौरान इलाज न मिलने से छह मरीजों की मौत होने की खबर है। इन मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट कराया जा रहा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। हालात का जायजा लेने के लिए आज सुबह योगी खुद केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचे।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कल रात लगी आग के बाद अस्पताल में अफरातफरी मच गई। दमकलकर्मियों और अस्पताल के कर्मचारियों ने बड़ी मशक्कत के बाद 300 से ज्याद मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला। हालांकि, आग पर रात में ही काबू पा लिया गया, लेकिन इमारत में धुआं भर जाने की वजह से राहत कार्य में दिक्कत आई। अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ ने कड़ी मशक्कत के बाद चिकित्सा सेवाओं को बहाल किया। दमकल और पुलिसकर्मी भी रात भर मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालने में जुटे रहे। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा अनीता जैन भटनागर ने बताया कि आग लगने के कारण ट्रामा सेंटर से मरीजों को शहर में आठ जगह पर शिफ्ट किया गया।
आग लगने का कारण एसी में शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। दूसरी मंजिल पर स्थित एडवांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट वार्ड में अचानक लगी आग देखते ही देखते तीसरी मंजिल तक फैल गई थी। केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने बताया कि जलने से किसी भी व्यक्ति मौत नहीं हुई है। देर रात तक आग बुझाने में दस दमकल, 45 दमकलकर्मी, एक हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म कई थानों का पुलिसबल जुटा था।
ऑपरेशन छोड़कर भागे डॉक्टर
भीषण आग और धुएं की लपटों के बीच ऑपरेशन कर रहे कई डॉक्टरों को बीच में ही जान बचाकर भागना पड़ा। देखते ही देखते अस्पताल के बाहर मरीजों की भीड़ लग गई। जिन्हें शताब्दी अस्पताल, केजीएमयू के गांधी वार्ड, सिविल व बलरामपुर अस्पताल भेजा गया। इस दौरान पूरे ट्रॉमा सेंटर में हडकंप मचा रहा।
मंडलायुक्त को सौंपी जांच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ कमिश्नर अनिल गर्ग को इस घटना की जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट देने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री को जैसे ही घटना की जानकारी मिली, उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए।