सहारनपुर रवाना होने से पहले मायावती ने कहा, 'अगर मुझे कुछ होता है तो भाजपा सरकार उसके लिए जिम्मेदार होगी क्योंकि मैं हेलिकॉप्टर से जाना चाहती थी, लेकिन रोड से जाने के लिए मजबूर हूं।' उन्होंने कहा कि पार्टी के नेताओं ने सहारनपुर के डीएम और एसएसपी से मिल हेलिपैड की पर्मिशन मांगी थी, लेकिन वह ठुकरा दी गई। मायावती ने कहा, मेरे सहारनपुर पहुंचने और वहां से वापस आने तक की जिम्मेदारी सरकार की है।
<blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en-gb"><p lang="en" dir="ltr">People from my party met DM,SSP regarding helipad arrangements in Saharanpur but they denied permission: Mayawati,BSP on Saharanpur violence <a href="https://t.co/dilO8uiOBX">pic.twitter.com/dilO8uiOBX</a></p>— ANI UP (@ANINewsUP) <a href="https://twitter.com/ANINewsUP/status/866863532536508416">23 May 2017</a></blockquote>
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गौरतलब है कि सहारनपुर में दलितों और ठाकुरों के बीच जातीय हिंसा की शुरुआत 5 मई को हुई थी। महाराणा प्रताप शोभायात्रा के दौरान डीजे बजाने से रोकने पर दलितों और ठाकुरों में संघर्ष हो गया था। जिसमें ठाकुर समाज के एक युवक की मौत हो गई थी। घटना के बाद दलितों के 60 से ज्यादा मकान जला दिए गए थे और कई वाहन फूंक दिए थे। रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर भीम सेना के नेतृत्व में हुए विरोध-प्रदर्शन में हजारों दलितों ने भाग लिया था। इस पूरे घटनाक्रम पर मायावती ने अब तक चुप्पी साध रखी थी।
सहारनपुर मायावती के वोट बेस का किला रहा है जिसे वह अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहतीं। मायावती सहारनपुर जिले से दो बार विधायक रह चुकी हैं। हालांकि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में बीएसपी जिले की एक भी सीट नहीं जीत पाई। सहारनपुर संघर्ष के बाद चर्चा में आई भीम आर्मी के हाथों मायावती अपने वोटर बेस में सेंध लगवाना नहीं चाहती हैं।