बसपा प्रमुख मायावती ने बतौर पूर्व मुख्यमंत्री आवंटित लाल बहादुर शास्त्री मार्ग पर बंगला नंबर-6 को खाली कर दिया है। लेकिन उन्होंने 13-ए माल एवेन्यू पर बने कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल को खाली नहीं किया है। राज्य संपत्ति विभाग द्वारा इसे लेने से इनकार किए जाने पर उनके निजी सचिव मेवालाल गौतम ने बंगला खाली करने का पत्र और चाभी स्पीड पोस्ट से भेज दी है।
मायावती ने 29 मई को विशेष सचिव व राज्य संपत्ति अधिकारी को बंगला छोड़ने का पत्र और चाभियां भेजी। उन्होंने पत्र में लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बंगला नं-6 खाली कर रही हैं। राज्य संपत्ति विभाग ने पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से 23 दिसंबर 2011 को यह बंगला उन्हें आवंटित किया था।
राज्य संपत्ति विभाग का चाभी लेने से इनकार
मायावती के निजी सचिव मेवालाल गौतम ने कहा है कि राज्य संपत्ति अधिकारी के यहां जब बंगला छोड़ने का पत्र और चाभी भेजी गई तो यह कहते हुए वापस कर दिया गया कि अवर अभियंता सिविल अनुरक्षण खंड-2 लोक निर्माण विभाग लेंगे।
मायावती पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से बंगला नं.-6 में कभी-कभार जाती रही हैं। लखनऊ आने के बाद अधिकतर वह 13-ए माल एवेन्यू पर बने ‘कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल’ पर ही रहती हैं।
जब 13-ए माल एवेन्यू वाले बंगले को छोड़ने के मूड में नहीं दिखीं माया
पिछले दिनों बंगला खाली किए जाने की कवायद के बीच एक तस्वीर सामने आई जिसमें देखा गया कि मायावती ने अपने सरकारी आवास के सामने ‘श्री कांशीराम जी यादगार विश्रामालय स्थल’ का बोर्ड लगा दिया है।
अपने सरकारी आवास को बचाने के लिए मायावती ने चला ये दांव
उस दौरान ऐसा माना जा रहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस तरह के पैंतरे का इस्तेमाल कर इस बात की कोशिश की है कि सरकार इस सरकारी बंगले को ना छेड़े। हालांकि इस बीच ऐसी भी खबरें आ रही थी कि पीडब्ल्यूडी अपना कैंप कार्यालय मायावती के सरकारी बंगले को बना सकता हैं।
जानिए सरकारी आवास छोड़ कौन कहां होगा शिफ्ट
माना जा रहा है कि 1 से 2 दिन के अंदर मायावती के सभी सामान 13ए मॉल एवेन्यू से 9, मॉल एवेन्यू में शिफ्ट कर दिया जाएगा। वहीं, दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह विपुल खंड में शिफ्ट हो रहे हैं, जबकि कल्याण सिंह अपने पोते और मंत्री संदीप सिंह के सरकारी आवास में शिफ्ट होंगे।
वहीं, अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव को लेकर अभी भी संशय बरकरार है। उम्मीद की जा रही है कि दोनों पूर्व मुख्यमंत्री अपने लिए गोमती नगर या फिर हजरतगंज से सटे हुए इलाके में बंगले का इंतजाम करेंगे। फिलहाल इन सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के पास इस महीने के आखिर तक का समय है।
कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने दी 15 दिन मोहलत
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हाल ही में स्टेट रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करने के लिए नोटिस भेज था। डिपार्टमेंट ने उन पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस भेजा, जिन्होंने अभी तक सरकारी बगंला खाली नहीं किया। इस नोटिस में पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिन के भीतर सरकारी आवास खाली करने का आदेश दिया गया है।
मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद व्यक्ति एक आम नागरिक हो जाता है: SC
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मंत्रियों की सैलरी, अलाउंस और अन्य सुविधा वाले कानून में संशोधन को असंवैधानिक करार दिया है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि एक बार मुख्यमंत्री अपने पद से हट जाता है तो वह एक आम नागरिक हो जाता है।
सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला केवल यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी बंगले को खाली करने का आदेश दिया था। ये फैसला केवल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के लिए था, जिनमें मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, मायावती, राजनाथ सिंह, एनडी तिवारी और कल्याण सिंह का नाम शामिल है।
सीएम योगी की मुहर के बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों को भेजा गया नोटिस
शीर्ष कोर्ट ने आदेश किया था कि इन सभी से सरकारी बंगले जल्द से जल्द खाली कराए जाएं। इसके लिए राज्य संपत्ति विभाग ने तैयारी भी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुहर लगने के बाद ही सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस भेज दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया था राज्य का कानून
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार के उस कानून को रद्द कर दिया था जिसके तहत प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगला देने का प्रावधान किया गया। इस कानून को रद्द किए जाने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्रियों मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, नारायण दत्त तिवारी, कल्याण सिंह, और राजनाथ सिंह को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है।