जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को अस्थायी जेल से उनके आवास शिफ्ट कर कर दिया गया है। हालांकि जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत पीडीपी नेता अब भी हिरासत में ही रहेंगी। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। बता दें कि अब तक मुफ्ती ट्रांसपोर्ट यार्ड के सरकारी बंगले में थीं। जहां से मंगवार शाम वो अपने घर फेयर व्यू पहुंची। इस दौरान उनका घर फेयर व्यू उप जेल में तब्दील रहेगा।
मुफ्ती को घर में शिफ्ट किए जाने का आदेश जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग ने जारी किया है। 60 वर्षीय मुफ्ती को पिछले साल पांच अगस्त को एहतियातन हिरासत में रखा गया था लेकिन बाद में छह फरवरी को उनके खिलाफ सख्त पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया।
गृह विभाग के आदेश में कहा गया है कि उन्हें मौलाना आजाद रोड की जेल से फेयरव्यू गुपकर रोड शिफ्ट किया जा रहा है, जो उनका आधिकारिक आवास है। आदेश में कहा गया है कि मु्फ्ती को भेजे जाने से पहले प्रशासन ने उनके आधिकारिक आवास को तत्काल प्रभाव से अधीनस्थ जेल का दर्जा दे दिया।
मीडिया और कश्मीर के लोगों का किया शुक्रिया अदा
इस बीच महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए मीडिया और कश्मीर के लोगों का शुक्रिया अदा किया है। एक अन्य ट्वीट में मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि पांच अगस्त 2019 से कश्मीर के सभी लोग अवैध हिरासत में हैं। वहीं हाल ही में जेल से छूटे उमर अब्दुल्ला ने मांग की है कि मुफ्ती को जल्द रिहा किया जाना चाहिए।
उमर अब्दुल्ला हो चुके हैं रिहा
इससे पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया था। उन पर लगा जनसुरक्षा कानून (पीएसए) हटाकर रिहाई का आदेश जारी किया गया था। वहीं 13 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया था।
अब्दुल्ला ने की थी मुफ्ती की रिहाई की मांग
वहीं एक अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग की थी। हालांकि उन्होंने नए अधिवास अधिनियम को लेकर सरकार पर तंज कसते हुए यह बता कही थी। उन्होंने कहा कि यदि भारत सरकार के पास कोरोना वायरस जैसी महामारी के बीच अधिवास कानून जारी करने का समय है तो उन्हें महबूबा मुफ्ती को रिहा करने का समय क्यों नहीं मिल सकता है।
इल्तिजा ने की थी पीडीपी मुखिया को रिहा किए जाने मांग
बता दें कि महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने पूर्व में सरकार को पत्र लिखकर पीडीपी मुखिया को रिहा किए जाने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में कोरोना वायरस फैला हुआ है। साथ ही इससे निजात पाने के लिए कोई टीका या दवाई भी अभी तक नहीं बनी है। इन सभी पहलुओं को देखते हुए मेरी मां व जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा सहित अन्य लोगों को रिहा किया जाए।
कोरोना से बचने के लिए एकांतवास ही सबसे बेहतर विकल्प
इल्तिजा ने उपराज्यपाल से कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए एकांतवास ही सबसे बेहतर विकल्प है। भीड़भाड़ वाली जेल और स्वास्थ्य सेवा की कमी के कारण देश व प्रदेश की जेलों में अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से बंद कैदियों को यह वायरस अपनी चपेट में ले सकता है। इतना ही नहीं इल्तिजा ने कहा कि अतिशयोक्ति नहीं होगी कि पूरे भारत में जेलें इस महामारी का नया केंद्र बन सकती हैं।