महाराष्ट्र के विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है और विधायक एवं मंत्रियों के लिए आदर्श आचार संहिता तैयार की जा रही है। विधायकों को आम लोगों से और सदन में किस तरह बर्ताव करना चाहिए- वे कैसे बात करें, इसे लेकर संहिता तैयार की जा रही है। संसदीय कार्य मंत्री गिरीश बापट ने इस आदर्श आचार संहिता को लेकर सदन में जानकारी दी। इसके लिए 15 सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी, जो इस आदर्श आचारसंहिता को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी। दावा किया जा रहा है कि आदर्श आचार संहिता के पालन से विधायकों और मंत्रियों की इमेज सुधरेगी। लेकिन, सवाल यह भी है कि क्या यह कमेटी जो नियम बनाएगी, उसे बाकी विधायक और मंत्री मानेंगे?
इस सवाल का जवाब कुछ ही मिनटों में मिल गया जब, राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक संदीप बाजोरिया और ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के बीच विधान परिषद सभापति के चेंबर के बाहर जम कर तू तू मैं मैं हुई और इसके बाद दोनों ने एक दूसरे की गिरेबां तक पकड़ ली। हालांकि, विधान परिषद के विपक्षी नेता धनंजय मुंडे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दिलीप वलसे-पाटिल ने बीच बचाव करते हुए दोनों को एक दूसरे से अलग किया और मामला शांत करने की कोशिश की। इस विवाद की शुरूआत अचानक नहीं हुई, विधान परिषद में भ्रष्ट मंत्रियों के लेकर विपक्षी सदस्य काफी हंगामा कर रहे थे, जिसकी वजह से सदन के कामकाज में बार-बार रुकावट आ रही थी। इस हंगामे में राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक संदीप बाजोरिया सबसे आगे थे। सदन के कामकाज के बीच लक्षवेधी पर चर्चा होने देने की बात बावनकुले ने कही, लेकिन, इस पर भी विपक्षी सदस्यों ने हंगामा जारी रखा, जिसे लेकर सदन के अंदर काफी तू तू मैं मैं भी हो गई और यही मामला सदन के बाहर दोबारा उठा, जिसे लेकर मंत्री महोदय और विधायक अपनी और सदन की गरिमा को भूल कर एक दूसरे से भिड़ गए। ये वही संदीप बाजोरिया हैं, गैंगरेप पर चर्चा के दौरान झपकियां लेते हुए सुर्खियों में आए थे। बहरहाल, हाथापाई की घटना ने खूब सुर्खियां बटोरीं। जब इस बारे में विधायक बाजोरिया और ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने ऐसी किसी घटना से साफ इंकार कर दिया।