अपने विवादित बयानों को लेकर मीडिया में छाये रहने वाले जामताड़ा विधायक और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ इरफान अंसारी फिर चर्चा में हैं। मधुपुर विधानसभा उप चुनाव के दौरान बाबाधाम में स्पर्श पूजा को लेकर हाल में विवाद में आये थे। इधर चर्चा उनके विविदित बयानों को लेकर नहीं बल्कि सेवा को लेकर है। रमजान के पाक महीने में रोजा में रहने के बावजूद इलाकों में घूम-घूम कर लोगों की खैरियत पूछते रहे। ईद के दिन भी यह सिलसिला जारी था। घूमने के दौरान आजकल अनिवार्य रूप से उनके गले में आला भी लटका रहता है। दरअसल वे डॉक्टर भी हैं। यूक्रेन में लुगन यूनिवर्सिटी से 2001 में एमबीबीएस करने के बाद रांची के रिम्स ( राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) और नगड़ी में सरकारी चिकित्सक के रूप में चार साल सेवा दी। अपोलो में भी काम किया, प्रैक्टिस भी करते रहे। हालांकि अब उनका समय राजनीति-समाज सेवा में ही जाता है। ऐसे में कोरोना में भ्रमण के दौरान जहां कोई दिख गया तो खैरियत पूछ लेते हैं, जहां किसी की तबीयत नासाज मालूम पड़ी तो आला लगा देते हैं। जरूरत के हिसाब से दवाएं और चिकित्सीय परामर्श के साथ दवाएं भी उपलब्ध करा देते हैं। जिनकी तबीयत ज्यादा खराब रहती है, जो उनसे खुद संभालने लायक नहीं होता उसे बाहर बड़े अस्पतालों में रेफर कर देते हैं। पहुंचाने की व्यवस्था करते हैं।
इरफान अंसारी बताते हैं वे नारायणपुर में इनदिनों लगातार ओपीडी लगा रहे हैं। गांवों में भी भ्रमण के दौरान मरीजों को देखते हैं। चूंकि शहर के दूसरे डॉक्टरों ने कोरोना के भय से मरीजों को देखना बंद कर दिया है, ओपीडी बंद है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए पहुंच जाते हैं। ऑक्सीजन उपलब्ध कराता हूं। ऑक्सीजन की कोई कमी जामताड़ा में नहीं है। जो मुझसे नहीं संभलता है बड़े अस्पतालों में रेफर कर उनके मुफ्त इलाज की व्यवस्था करवाता हूं। मरीजों की मदद के लिए हाल में तीन एम्बुलेंस कार्यकर्ताओं-एनजीओ को उपलब्ध कराया है। कोरोना के पिछले दौर में जब प्रवासी श्रमिक लौट रहे थे कैंप लगाकर उनके भोजन आदि की व्यवस्था में कोई 26-27 लाख रुपये खर्च किये। हज कमेटी का चेयरमैन होने के नाते रांची के हज भवन में कोरोना मरीजों के लिए बेड का इंतजाम कराने का सरकार को प्रस्ताव दिया था। वे कहत हैं कि अभी के मौसम में डायरिया, पेट की गड़बड़ी सामान्य बीमारी भी खूब होती है मगर सब को कोरोना मान लिया जाता है। मैनें स्वास्थ्य मंत्री से कहा था कि दूसरी बीमारी से लोग न मरें इसके लिए ओपीडी चालू करवायें मगर उन्होंने ध्यान नहीं दिया।
पत्रकारों का मुफ्त इलाज कराउंगा
डॉक्र इरफान अंसारी कहते हैं कि चिकित्सकों के साथ पत्रकारों की भी कोरोना के दौर में महत्वपूर्ण भूमिका है। जान जोखिम में डालकर सेवा दे रहे हैं। है। उनकी जिम्मेदारी को देखते हुए मैने निर्णय किया है कि प्रदेश में जो भी पत्रकार कोरोना से बीमार पड़ेंगे, विधायक निधि आदि के माध्यम से उनका मुफ्त इलाज करवाउंगा। स्वास्थ्य मंत्री ने भी आग्रह किया है कि कोरोना पीड़ित डॉक्टरों और पत्रकारों की मुफ्त चिकित्सा की व्यवस्था करें।
झारखंडः कोरोना में विधायक जी चला रहे मोबाइल ओपीडी, पूछते हैं खैरियत, देते हैं दवाएं
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