महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में 8 घंटे 48 मिनट पूछताछ की गई। ईडी ने कोहिनूर सीटीएनएल में आईएल एंड एफएस ग्रुप के कर्ज और निवेश की जांच के सिलसिले में उन्हें समन भेजा था। इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लोन जुड़े अनियमितताओं से संबंधित एक मामले के संबंध में ईडी ने ठाकरे से पूछताछ की। बता दें कि पूछताछ से पहले ही पुलिस ने ईडी ऑफिस के आसपास के इलाकों में आवाजाही रोक कर वहां धारा 144 लगा दी थी। वहीं मनसे के कई नेताओं सहित संदीप देशपांडे को भी हिरासत में लिया गया।
आइएलएंडएफएस के निवेश में गड़बड़ी की जांच कर रहा है ईडी
आइएलएंडएफएस द्वारा कोहिनूर सीटीएनएल इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी को 450 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज और इक्विटी निवेश में कथित अनियमितताओं के संबंध में ईडी ने राज को सम्मन किया है। यह फर्म महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी के पुत्र उनमेश, राज ठाकरे और उनके करीबी सहयोगी एवं बिल्डर राजन शिरोडकर ने बनाई थी। यह कंपनी बंद पड़ी कोहिनूर मिल की जमीन को खरीदकर विकसित करने के लिए गठित की गई थी। राज ठाकरे ने 2008 में कंपनी छोड़ दी थी। ईडी पिछले 19 मई से मुंबई ऑफिस में उनमेश से पूछताछ कर रही है। इसी सिलसिले में आज ईडी राज ठाकरे से पूछताछ करेगी।
कार्यकर्ताओं को नोटिस
राज ठाकरे की पेशी के मामले में कानून-व्यवस्था की समस्या से बचने के लिए पुलिस ने धारा 149 के तहत एमएनएस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को नोटिस जारी किया है। नोटिस में आगाह किया कि कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि इसी कड़ी में गुरुवार को सुबह एहतियात के तौर पर देशपांडे को हिरासत में ले लिया गया।
ईडी दफ्तर के बाहर बढ़ाई गई सुरक्षा
महाराष्ट्र पुलिस के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया है कि ठाणे, नासिक, पुणे और पिंपरी-चिंचवाड़, जहां एमएनएस का दबदबा है, इन इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मरीन ड्राइव, एमआरए मार्ग, दादर और आजाद मैदान पुलिस स्टेशन के इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है। ईडी के मुंबई ऑफिस के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई।
ईडी के सम्मन पर राज को मिला उद्धव ठाकरे का समर्थन
आइएलएंडएफएस मामले की जांच के संबंध में ईडी के समक्ष पेशी से एक दिन पहले मनसे के प्रमुख राज ठाकरे को अप्रत्याशित तौर पर अपने चचेरे भाई और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से समर्थन मिला है। शिवसेना केंद्र और राज्य सरकारों में भाजपा की भागीदार है। राज ठाकरे ने 2006 में शिव सेना छोड़कर नई पार्टी गठित की थी। तभी से दोनों के बीच तनातनी बनी हुई है।
ईडी के नोटिस को विपक्षियों ने बदले की कार्रवाई बताई
राज ठाकरे को ईडी को नोटिस भेजे जाने पर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सहित तमाम विपक्षी पार्टियों ने आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि भाजपा बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। जबकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसमें भाजपा की किसी भी भूमिका से इनकार किया था।
राज ठाकरे ने पीएम मोदी को बनाया था निशाना
लोकसभा चुनाव से पहले राज ठाकरे ने अनेक रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की अगुआई वाली महाराष्ट्र सरकार को निशाना बनाया था। हालांकि वह शिवसेना की सीधे तौर पर आलोचना करने से बचते रहे।