सरकारें पांच साल के हिसाब से ऐसे निर्णय करती हैं। जबकि लोकहित का निर्णय तो यह है लंबे समय तक उसका फायदा मिले। यह साहसी लोग ही कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यही कर रहे हैं। हालांकि प्रदेश भाजपा ने विजयवर्गीय के इस बयान से पल्ला झाड़ लिया है। यहां बता दें कि मप्र सरकार ने ही कई ऐसी स्कीमें शुरू कर रखी हैं।
बहरहाल, विजयवर्गीय ने कहा कि दुनिया भर में घूम-घूम कर आतंकवाद के खिलाफ बोल रहे प्रधानमंत्री के लिए कहा जाता है कि वे विदेश घूम रहे हैं। जबकि पांच दिन में छह देशों की यात्रा करके लौटते हैं, तब भी वे आराम नहीं करते। वे आध्यात्मिक हैं। जबकि आजकल लोग राजनीतिक हो गए हैं। हम जैसे सामान्य लोग आध्यात्मिक व्यक्ति (मोदी) के राजनीति में आने और उनके निर्णय को नहीं समझ सकते।
यदि उनमें दूरदृष्टि नहीं होती तो आज हम कठघरे में होते। इधर, विजयवर्गीय के बयान पर प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि 40-45 साल का राजनीतिक अनुभव रखने वाले राष्ट्रीय महासचिव ने गैर राजनीतिक फोरम पर अपने अनुभव बताए हैं। इसी आधार पर विश्लेषण होना चाहिए। कार्यक्रम निजी था और बयान भी निजी ही है।