भाजपा का यह कदम एक बेहद नपा-तुला राजनीतिक फ़ैसला है। महाराष्ट्र में सरकार बनाने में शिवसेना को भाजपा का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में शिवेसना के ख़िलाफ़ मेयर पद के उम्मीदवार को खड़ा करने पर भाजपा को राज्य सरकार में शिवसेना का समर्थन खो देने का डर था। समर्थन का फैसला राज्य में अपनी सरकार बचाए रखने की कोशिश है।
बीएमसी चुनाव के दौरान विश्वनाथ को कुल 171 वोट मिले। कुल 227 सदस्यों में से 218 सदस्यों ने वोट डाला था। वोटिंग के दौरान भाजपा ने शिवसेना के पक्ष में वोट किया था। इस चुनाव में शिवसेना 84 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। भाजपा को 82 सीटें मिली और वह मामूली अंतर से ही शिवसेना से पिछड़ गई।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मेयर चुनाव की घोषणा करते हुए कहा कि भाजपा अब मुंबई के मेयर का चुनाव नहीं लड़ेगी। साथ ही पार्टी ने डिप्टी मेयर का चुनाव भी नहीं लड़ने का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि यह फैसला मुंबई की जनता के हितों को देखते हुए और उनके जनमत को सम्मान देने के लिए लिया गया। भाजपा मुंबई हित में शिवसेना का साथ देगी।