राष्ट्रीय मरू उद्यान जैसलमेर के उप निदेशक अनूप के आर ने बताया कि अभी तक वनरक्षकों को अपने इलाके में पैदल गश्त कर चौकसी करते थे, लेकिन अब वे साइकिल से गश्त करेंगे।
उन्होंने बताया कि उद्यान का क्षेत्रा काफी बडा होने के कारण वनरक्षकों को गोडावण संरक्षण परियोजना के तहत साइकिलें दी जा रही हैं ताकि कम समय में ज्यादा क्षेत्र की गश्त की जा सके।
उप निदेशक ने बताया कि सुदासरी, चौहानी, सम, बरना रामदेवरा क्षेत्रा में स्थिति डीएनपी चौकियों में पदास्थापित 30 वनरक्षकों को साइकिलें दी जा रही हैं।
नवनियुक्त वनरक्षकों को अब जीपीएस मशीनों का उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद वनरक्षकों को गश्त के दौरान यह मशीनें अपने साथ रखनी होंगी, जिससे उनकी स्थिति की जानकारी नियंत्रण कक्ष को मिलती रहेगी। वनरक्षक हर सप्ताह इन मशीनों में फीड सूचनाएं डीएनपी कार्यालय पंहुचाएंगे।