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वानखेड़े फैमिली के खिलाफ अब बयानबाजी नहीं कर पाएंगे नवाब मलिक, बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिया झटका

बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ड्रग केस मामले में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक...
वानखेड़े फैमिली के खिलाफ अब बयानबाजी नहीं कर पाएंगे नवाब मलिक, बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिया झटका

बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ड्रग केस मामले में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक पिछले कुछ दिनों से लगातार नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ मोर्चा खोले हैं। वे हर रोज नए-नए आरोपों के साथ समीर और उनकी फैमिली पर आरोप लगाकर सवाल खड़े कर रहे हैं। शुरुआत में वानखेड़े परिवार ने मीडिया के सामने आकर जवाब दिए। इसके बाद कोर्ट में मलिक के खिलाफ मानहानि समेत अन्य केस दर्ज कराए। समीर वानखेड़े के परिवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने वानखेड़े के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए नवाब मलिक और उनके परिवार को निर्देश दिया कि वह वानखेड़े की फैमिली के खिलाफ सेशल मीडिया पर कुछ भी शेयर नहीं करेंगे। आदेश में स्पष्ट कहा गया कि वानखेड़े के परिवार के खिलाफ किसी भी तरीके से कोई बयानबाजी नहीं की जाएगी।

दरअसल, समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि नवाब मलिक की तरफ से उन पर और उनके परिवार के खिलाफ बेवजह बयानबाजी ना की जाए। उन्होंने इस पर रोक लगाने की अपील की थी। अब उसी मामले में कोर्ट की तरफ से नवाब मलिक को झटका दिया गया है। अब वे समीर वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ किसी भी तरह की बयानबाजी नहीं कर पाएंगे।

मलिक के वकील ने कहा कि फ्लेचर पटेल नाम के शख्स ने ऐसा बोला था और उनके क्लाइंट ने सिर्फ उसे शेयर किया, लेकिन कोर्ट ने इस दलील को खारिज का दिया और स्पष्ट कहा कि जब तक मामले की सुनवाई हो रही है, ऐसी बयानबाजी और आरोप नहीं लगाए जाएंगे। जस्टिस कथावाला ने सीधे नवाब मलिक के वकील से पूछा भी कि उनके क्लाइंट ऐसी बयानबाजी करना बंद करेंगे? इस पर जवाब दिया गया कि 9 दिसंबर तक नवाब मलिक अब वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ कोई पोस्ट शेयर नहीं करेंगे। कोर्ट की तरफ से ये भी कहा गया कि ऐसी बयानबाजी उन्हें शोभा नहीं देती। सुनवाई के दौरान जस्टिस जाधव ने कहा कि नवाब मलिक वीआईपी हैं, इसलिए उन्हें इतने आसानी से सभी डॉक्यूमेंट मिल जाते हैं। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए जस्टिस कथावाला ने भी कहा कि वे एक मंत्री हैं और उन्हें ये सब क्या शोभा देता है?

सुनवाई के दौरान जस्टिस कथावाला को कहना पड़ा कि क्या नवाब मलिक को सिर्फ मीडिया ट्रायल चाहिए। दरअसल, ये बात इसलिए कही गई क्योंकि नवाब मलिक लगातार सोशल मीडिया के जरिए वानखेड़े परिवार पर आरोप लगा रहे थे। इस पर कोर्ट ने सवाल पूछा कि क्या मलिक द्वारा कभी कास्ट स्क्रूटिनी कमेटी में शिकायत की गई। जस्टिस कथावाला ने कहा कि मलिक ने ऐसा एक बार भी नहीं किया। उन्होंने कहा कि नवाब मलिक वानखेड़े के खिलाफ मीडिया ट्रायल चाहते हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले 22 नवंबर को कोर्ट ने उनकी मांग को ठुकरा दिया था। वानखेड़े की याचिका पर अदालत ने कहा था कि डिफिडेंट (नवाब मालिक ) को राइट टू स्पीच का अधिकार है।

 

 

 

 

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