छत्तीसगढ़ में पहली बार नक्सलियों पर एयर स्ट्राइक हुई है। सुरक्षा बलों ने ड्रोन से माओवादियों पर 12 बम गिराए हैं लेकिन हमले से पहले ही माओवादियों ने जगह बदल ली थी। जिससे माओवादियों को कोई नुकसान नहीं हुआ। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) के प्रवक्ता विकल्प ने बयानट जारी कर यह जानकारी दी है। यह हमला पामेड़ थाना क्षेत्र के बोत्तालंका और पाला गुडेम गांव में हुआ है। वहीं, पुलिस ने इस आरोप बेबुनियाद बताया है। पुलिसका कहना है कि विगत दिनों में अपना आधार क्षेत्र पैर के नीचे से खिसकने से सीपीआई माओवादी संगठन बौखलाहट में निर्दोष आदिवासी ग्रामीणों की हत्या करना, तोड़फोड़, आगजनी जैसे जनविरोधी एवं विकास विरोधी हरकत को अंजाम दे रहे हैं।
पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज पी सुंदरराज ने कहा है कि वास्तविकता यह है कि अब तक हजारों निर्दोष ग्रामीणों की हत्या, विकास कार्यों हेतु इस्तेमाल वाहन और मशीनों को जलाना जैसी कायराना हरकतों से अपनी झूठी ताकत का प्रदर्शन करने का असफल प्रयास करने वाला ये गैरकानूनी एवं अमानवीय माओवादी संगठन का खात्मा बहुत जल्दी होगा तथा बस्तर की जनता को माओवादियों के आतंक से बहुत जल्दी मुक्ति मिलेगी।
इससे पहले माओवादियों के बयान के मुताबिक 19 अप्रैल दोपहर 3 बजे बीजापुर जिले के बोत्तालंका और पलागुड़ेम गांवों के बीच ड्रोन के जरिए नक्सलियों पर बमबारी की गई। पुलिस-नक्सली के बीच 3 अप्रैल को हुई मुठभेड़ का बदला लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पुलिस अधिकारियों ने हमला करवाया है।
बयान में कहा गया है कि आसमान में लगातार ड्रोन और हेलिकाप्टर घूमता देख जनता और पीएलजीए ने अपनी जगह बदल ली थी। जिससे एक बड़े खतरे को टाल दिया। ड्रोन हमले में 12 बम डाले गये थे। इससे पेड़-पौधे, कुछ जंगली जानवर को नुकसान हुआ है।
बता दें कि 3 अप्रैल को हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में बीजापुर जिले के टेकुलगुडम में 22 जवानों की शहादत हुई थी। सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच साढ़े चार घंटे तक मुठभेड़ चली। पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 4 नक्सली ढेर हुए थे। जिसमें ओड़ी सन्नी, पदाम लखमा, कोवासी बदरू और नपा सुरेश शामिल है।