जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले किसी की नजरबंदी या गिरफ्तारी की कोई भी खबर ‘‘पूरी तरह से बेबुनियाद’’ है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने दावा किया है कि उसकी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले सोमवार को नजरबंद कर दिया गया है, जिसके बाद सिन्हा का यह बयान सामने आया।
उपराज्यपाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह पूरी तरह से निराधार है। पूरे जम्मू-कश्मीर में किसी को भी नजरबंद या गिरफ्तार नहीं किया गया है। यह अफवाह फैलाने का प्रयास है।’’
सिन्हा ने कहा कि वह पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में कहीं भी राजनीतिक कारणों से किसी को नजरबंद या गिरफ्तार नहीं किया गया है।
पीडीपी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय का फैसला सुनाए जाने से पहले ही पुलिस ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के आवास के दरवाजे सील कर दिए हैं और उन्हें अवैध रूप से नजरबंद कर दिया है।’’