शादी, बारात में डीजे बजाने यानी जोर-जोर से गाना बजाने पर लागू प्रतिबंध पर छूट देने से एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने साफ मना कर दिया है। एनजीटी ने भोपाल डिस्क जॉकी एसोसिएशन की विवाह और बारात में डीजे बजाने पर 18 नवंबर से लगाए गए प्रतिबंध पर छूट देने की अपील पर विचार करने से इंकार कर दिया।
एनजीटी की न्यायाधीश दिलीप सिंह और विशेषज्ञ सदस्य डीके अग्रवाल वाली संयुक्त पीठ ने शादी समारोह और बारातों में बजने वाले डीजे पर 18 मई से लगाए गए प्रतिबंध के आदेश में और छूट देने की अपील पर विचार करने से कल इंकार कर दिया।
डीजे संचालकों ने डीजे बजाने पर लगाए गए प्रतिबंध में इस आधार पर छूट मांगी थी कि वे संगीत को कानून के अनुसार, सुनने लायक सीमित डेसीबल में ही बजाएंगे।
एनजीटी ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए मई में जारी आदेश में कहा था कि शादी और बारातों में वाहनों में परिवर्तन कर बड़े स्पीकर लगाकर ध्वनि प्रदूषण की अनुमति नहीं दी जा सकती। साथ ही एनजीटी ने डीजे बजाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था।
याचिकाकर्ता और अधिवक्ता विवेक चौधरी ने कहा कि इसके बाद 18 मई को डीजे संचालकों को रोजी का संकट होने के स्थिति में अन्य व्यवसाय शुरू करने के लिए एनजीटी द्वारा 18 नवंबर तक छह माह का समय दिया गया था। उन्होंने कहा कि 18 नवंबर से डीजे संचालकों पर शहर में यह प्रतिबंध लागू हो गया है, लेकिन बीडीजेए इसका पालन नहीं कर रहा है।