असम के कोकराझार में शुक्रवार को हुए आतंकी हमले की जांच के लिए एनआईए की टीम आज कोकराझार पहुंची। जांच एजेंसी ने घटनास्थल पर पहुंचकर वहां का मुआयना किया और कई प्रत्यक्षदर्शियों से बात भी की। हमले में बोडो अलगाववादी संगठन एनडीएफबी (एस) के उग्रवादियों की संलिप्तता का संदेह होने के कारण संगठन के सदस्यों की धर-पकड़ के लिए सघन तलाशी अभियान जारी है। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि एनआईए की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची है और गवाहों से बात कर रही है। पुलिस, अर्द्धसानिक बल और सेना के जवान उग्रवादियों को पकड़ने के लिए पड़ोसी चिरांग जिले में भी सघन अभियान चला रहे हैं। रक्षा सू़त्रों ने बताया कि विशेष बल, पता लगाने वाले कुत्ते और अन्य उपकरणों का भी सहयोग लिया जा रहा है। सेना तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए व्यापक क्षेत्र तलाशी अभियान चला रही है। पुलिस ने स्थिति को तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में बताया है।
असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घटनास्थलका दौरा किया और बताया कि कल जिस उग्रवादी को मार गिराया गया उसकी पहचान मंजय इसलारी के रूप में हुई है। वह एनडीएफबी (एस) धड़े की 16वीं बटालियन का स्वयंभू एरिया कमांडर है। सरमा ने बताया कि बालाजान टिनियाली बाजार में हमले को अंजाम देकर फरार होने वालों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शनिवार को गौहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गंभीर रूप से जख्मी लोगों से मुलाकात की और उनकी स्थिति के बारे में पूछताछ की। उन्होंने वहां चिकित्सकों से भी बात की। इस बीच कोकराझार का दौरा करने वाले विपक्षी कांग्रेस नेताओं ने राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वे एहतियाती कदम उठाने में विफल रहे जबकि तथ्य यह है कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के दरम्यान उग्रवादी हिंसक गतिविधियों में संलिप्त रहते हैं।
शुक्रवार को असम के कोकराझार के भीड़भाड़ वाले साप्ताहिक बाजार में हथियारबंद उग्रवादियों ने सेना की पोशाक में ग्रेनेड फेंककर 14 लोगों को मार डाला था। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में एक हमलावर की भी मौत हुई थी। असम के पुलिस महानिदेशक मुकेश सहाय ने घटना के बारे में बताया था कि हमला नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड-एस के उग्रवादियों का कृत्य प्रतीत होता है। घटनास्थल से एके-56 और 47 राइफल और ग्रेनेड भी बरामद किए गए थे।