डीडीए ने आयोग के समक्ष माना है कि करीब छह से सात हजार संपत्तियां ब्रिटिश काल के दौरान लीज पर दी गई थी। डीडीए की अब इन संपत्तियों को फिर से लीज पर देने या इन पर कार्रवाई करने की मंशा है। सीआईसी के आयुक्त यशोवर्धन ने कहा कि डीडीए का मूल काम काम योजनाबद्ध विकास करना है तथा उम्मीद की जाती है कि यह सूचना उसके पास होनी चाहिए। इस मामले में उपराज्यपाल की भी दिलचस्पी है और उन्होंने भी सभी भू प्रबंध से जुड़ी एजेंसियों को लीज पर दी गई संपत्तियों की सूची बनाने के निर्देश दिए हैं।
आयोग ने कहा कि इस तरह का डाटा उपलब्ध न होने से जुड़ी सूचना देना संभव नहीं है तथा न ही किसी पीआईओ को इस तरह की जानकारी देने से रोका जा सकता है। देश के नागरिकों को लीज की गई संपत्तियों की जानकारी लेना पूरा हक है। आयोग ने तीन हफ्ते में लीज संपत्ति से जुड़ी जानकारी देने के निर्देश दिए तथा अगस्त में एटीआर दाखिल करने के लिए कहा। छह माह में पूरा डाटा इकट्ठा कर पेश किया जाए।