चंडीगढ़, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदंर सिंह ने कहा कि राज्य में 2016 में हुई धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामले में यदि कोई पूर्व मुख्यमंत्री या राज्य का पूर्व डीजीपी भी संल्पित पाया गया तो बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में गठित एसआईटी ने संकेत दिए हैं कि मामले में कुछ वरिष्ठ राजनेता और पुलिस अधिकारी संल्पित हैं। इसमें पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और एसएसपी उमरानंगल समेत 8 पुलिस अधिकारियों के नाम सामने आ रहे हैं।
पंजाब में कांग्रेस सरकार के चार साल पूरे होने के मौके पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कैप्टन अमरिदंर ने कहा कि धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामले में जांच कर रही सीबीआई ने फरवरी में पंजाब सरकार को तमाम जांच फाइलें सौंप दी हैं। उल्लेखनीय है कि कैप्टन सरकार धार्मिेक ग्रंथों की बेअदबी के मामले की जांच के लिए इसलिए गंभीरता दिखा रही है ताकि 2022 के विधानसभा चुनाव में सियासी लाभ मिल सके। पंथक पार्टी शिरोमणी अकाली दल को पटखनी देने के लिए कांग्रेस ने फिर से धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी का जिन्न फिर से बोतल ने निकाला है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को इसका फायदा मिला और वह शिरोमणि अकाली दल भाजपा गठबंधन को हरा सत्ता पर काबिज होने में सफल रही।
केंद्र के तीन कृषि कानूनों पर अमरिंदर सिंह ने इन कानूनों से किसान बबार्द होंगे और निजी कंपनियों की पौ बारह होगी। उन्होंने कहा कि अगर राज्यपाल ने राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में पास तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव को आगे नहीं भेजा, तो विधानसभा में दोबारा प्रस्ताव पास किया और इस बार भी राष्ट्रपति ने मंजूरी नहीं दी तो पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। कैप्टन ने कहा कि उनकी सरकार ने 2017 में किए चुनावी वादों में से 85 फीसदी चार साल के कार्यकाल में पूरे कर दिए हैं और बाकी वादे अगले 10 महीनें में पूरे किए जाएंगे। इनमें किसानों की कर्ज माफी के लिए 1712 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में रखा है।
पंजाब में कोविड के बढ़ते मामलों पर खख्ती करते हुए कैप्टन ने गुरुवार की रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक राज्य के नौं जिलों में क्फर्यू लगाने के निर्देश दिए हैं। प्राइवेट स्कूल,कॉलेज व यूनिवर्सिटी खोले जाने के आउटलुक के सवाल पर कैप्टन ने कहा कि जो संस्थान सरकारी निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।