यह जानकारी देते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव विनी महाजन ने बताया कि पंजाब के आम लोगों को ईएसआई अस्पतालों में इलाज के लिए विशेष सुविधाओं का प्रावधान नहीं था लेकिन अब आम लोगों को भी ईएसआई अस्पतालों में विशेष सुविधाएं मिल सकेंगी। दूसरी ओर ईएसआई लाभपात्री इलाज करवाने के लिए ईएसआई अस्पातालों के अलावा जिले के सरकारी अस्पतालों में विशेष सुविधाएं पा सकेंगे। इस संबंध में सभी सिवल सर्जनों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं और इलाज देना भी शुरू कर दिया गया है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि पंजाब में इएसआई के साथ जुड़े करीब 8 लाख लाभपात्री परिवार हैं, जिन्हें सुपरस्पेश्लटी तक का निशुल्क इलाज चाहे एडवांस पेमेंट, इं-पैनल्ड अस्पतालों में इलाज या फिर करवाए गए इलाज को रीइंमबर्समैंट के जरिये लाभ पहुंचाया जाता है। ईएसआई के लिए उस फर्म या कंपनी को शामिल किया जाता है, जिसके 10 से ज्यादा कर्मचारी हों। इन कर्मचारियों के वेतन का 1.75 फीसदी और इंप्लायर से 4.75 फीसदी हिस्सा दिया जाता है। यह पैसा ईएसआई निगम के खाते में जमा हो जाता है, जिसके बाद ईएसआई निगम की तरफ से ईएसआई लाभपात्री को लाभ पहुंचाने के लिए पंजाब सरकार और ईएसआई निगम 1ः7 की रेशो के साथ योगदान डालते हैं।
विनी महाजन ने बताया कि यह लाभ देने के लिए पंजाब को चार जोनों में बांटा गया है, जिसमें 6 अस्पताल और 125 डिस्पेंसरियां हैं। 6 अस्पतालों में अमृतसर में 125 बैड और जालंधर में 100 बैड, फगवाड़ा और होशियारपुर में 50-50 बैड और एस.ए.एस. नगर (मोहाली) और मंडीगोबिंदगढ़ में 30-30 बैड वाले अस्पताल बने हुए हैं। ईएसआई अस्पतालों में एसएमओ., मेडीकल अफसरों और पैरामैडिकल कर्मचारियों की तैनाती की हुई है ताकि मरीजों को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। इन अस्पतालों में ओ.पी.डी. इनडोर और इमरजेंसी सेवाएं दी जाती हैं।