रांची। अपने पूर्व के फैसले में परिवर्तन करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने टोक्यो ओलिम्पिक में भारतीय महिला हॉकी टीम से खेलने वाली झारखंड की बेटियों सलीमा टेटे और निक्की प्रधान को 50-50 लाख रुपये देने और उनके घर को पक्का का बनाने का एलान किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओलिम्पिक में भारतीय महिला टीम को भले ही कांस्य पदक भी नहीं मिल सका, लेकिन सभी बहनों ने कांस्य पदक के मैच में पिछले ओलिम्पिक की स्वर्ण पदक विजेता ग्रेट ब्रिटेन की टीम को जिस प्रकार टक्कर दी, वह काबिले तारीफ है। मैं पूरी भारतीय महिला हॉकी टीम को सलाम करता हूं। झारखण्ड की बेटियों और मेरी बहनों ने भारतीय महिला टीम के प्रदर्शन में अद्भुत योगदान दिया।
झारखण्ड सरकार ने ओलिंपिक शुरू होने से पहले ही घोषणा कर दी थी कि राज्य के खिलाड़ियों के स्वर्ण जीतने पर दो करोड़, रजत जीतने पर एक करोड़ और कांस्य जीतने पर पचास लाख रुपये दिये जायेंगे। भारतीय महिला हॉकी टीम कांस्य की जंग में जीत नहीं पाई मगर बेहतर प्रदर्शन केलिए टीम में शामिल झारखण्ड की बेटियों को 50-50 लाख रुपये सरकार देगी और सभी के पैतृक घर को पक्के के मकान में तब्दील करायेगी।
भारतीय महिला हॉकी टीम ने सेमीफाइनल में पहुंच कर इतिहास रच दिया और अपने जज्बे से साबित कर दिया कि वह दुनिया की बेहतर से बेहतर टीम को टक्कर देने का माद्दा रखती है। हाल ही हमारी सरकार ने खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी प्रदान की है। यह क्रम जारी रहेगा। हमारे युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है। हमारी सरकार उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए हर संभव सुविधा प्रदान करेगी ताकि दुनिया भर में भारत का डंका बजे और झारखंडी खिलाड़ियों का लोहा हर कोई माने।
बता दें कि खूंटी की निक्की प्रधान और सिमडेगा की सलीमा टेटे का घर अभी भी पक्का का नहीं है। सलीमा के घर तो टीवी भी नहीं था। मुख्यमंत्री को जानकारी मिली तो उसके घर स्मार्ट टीवी लगवाया ताकि मां-बाप बेटी का खेल देख सकें।