नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला कहते हैं, "बीजेपी को पता है कि वर्तमान परिदृश्य में, उन्हें कभी भी सीटें नहीं मिलेंगी। वास्तव में, अगर आज चुनाव होते हैं तो वे शायद दस सीटों को भी पार नहीं कर पाएंगे। इसलिए, उनका राजनीतिक भविष्य इस बात से जुड़ा है कि वे जम्मू-कश्मीर में मतदाताओं को कैसे विभाजित कर सकते हैं और वे यही कर रहे हैं। लेकिन चुनाव आने दीजिए। मुझे यकीन है कि आप पाएंगे कि जम्मू-कश्मीर के लोग बहुत समझदार हैं। वे इस तरह की साजिशों को उन्हें विभाजित करने की अनुमति नहीं देंगे।"
केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी पर अब्दुल्ला ने बढ़ती बेरोजगारी के कारण केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने से बचने का आरोप लगाया। एक कार्यक्रम के दौरान युवाओं से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी की चिंताजनक स्थिति पर प्रकाश डाला और क्षेत्र में विधानसभा चुनाव कराने से कतराने के लिए सीधे तौर पर भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि बढ़ती बेरोजगारी दर उन कई कारणों में से एक है जिसके चलते भाजपा केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव कराने को लेकर आशंकित है।
उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर के प्रति भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की नीतियों की मुखर आलोचक रही है। अगस्त 2019 में इस क्षेत्र की विशेष स्थिति को रद्द कर दिया गया था, और तब से कई राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव हुए हैं।