जानकारी के मुताबिक, आज बंद का आह्वान करने के पीछे विपक्षी दलों की मुख्य मांग है कि केंद्र तमिलनाडु में सूखे की स्थिति को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे और कानून के मुताबिक पर्याप्त राहत मुहैया कराएं।
स्टालिन की अध्यक्षता में 16 अप्रैल को हुई राजनीतिक दलों की बैठक में 25 अप्रैल को राज्यभर में बंद का फैसला लिया गया था, जिसका साफ असर आज देखने को मिल रहा है।
गौरतलब है कि कर दिया है। किसान जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। किसानों ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मिले आश्वासन के बाद आंदोलन टाला है। किसानों ने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की जाएगी तो 25 मई से फिर आंदोलन शुरू करेंगे।