माकपा की राज्य समिति के सदस्य 48 वर्षीय श्रीरामकृष्णन को उनके खुशमिजाज व्यक्तित्व और मृदुभाषी स्वभाव के लिए जाना जाता है। उन्होंने पिछली विधानसभा में विधायक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपनी प्रतिभा साबित की है। चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और विपक्ष के नेता रमेश चेन्नितला संयुक्त रूप से उन्हें अध्यक्ष के आसन तक ले गये।
सदन राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उस घटना का गवाह बना जब भाजपा के एकमात्र सदस्य ओ. राजगोपाल ने श्रीरामकृष्णन के पक्ष में मतदान किया। एलडीएफ प्रत्याशी के पक्ष में अपने मतदान के निर्णय को जायज ठहराते हुये भाजपा नेता ने कहा कि इसका एकमात्र कारण यह है कि यूडीएफ ने खुलेआम जोर देकर कहा था कि उसे भाजपा विधायक के वोट की जरूरत नहीं है। राजगोपाल ने कहा कि भाजपा सरकार की सभी नीतियों का आंख मूंद कर विरोध नहीं करेगी बल्कि सदन में मुद्दे के आधार पर निर्णय लेगी।