चव्हाण के इस हमले के बाद पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि अगर चव्हाण सनातन संस्था को प्रतिबंधित करने के लिए गंभीर थे तो उन्हें केंद्र को केवल एक रिपोर्ट भेजने के बजाय उनसे बात कर इस बारे में कहना चाहिए था।
शिंदे ने कहा कि उन्होंने तो 2013 में केंद्र में गृह मंत्री के तौर पर कामकाज संभाला था लेकिन केंद्र के साथ इस मुद्दे को सीधे नहीं उठा पाने में चव्हाण की लापरवाही झलकती है। चव्हाण ने इस साल फरवरी में हुई कम्युनिस्ट नेता गोविंद पानसरे की हत्या के सिलसिले में सनातन संस्था के कार्यकर्ता समीर गायकवाड़ की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि में यह दावा किया है।
चव्हाण ने पीटीआई से कहा, महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय ने 2011 में केंद्र सरकार को विस्तृत रिपोर्ट भेजी थी और सनातन संस्था पर पाबंदी लगाने का अनुरोध किया था। तब हमारे अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि तब राज्य सरकार के संज्ञान में कुछ अवैध गतिविधियां आई थीं, जिससे लगा कि सनातन संस्था स्वस्थ संगठन नहीं है। चव्हाण ने और संगठनों के नाम नहीं लिए लेकिन कहा, इस संगठन के साथ कुछ और भी थे।