सत्तारूढ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के दो सदस्यों मुश्ताक अहमद शाह और जहूर मीर ने भी उनके निर्वाचन क्षेत्रों में पानी निकालने के पम्प उपलब्ध नहीं होने के विरोध में सदन से बहिर्गमन कर दिया। एनसी के विधायक अली मोहम्मद सागर ने कहा, हमने सरकार को बडगाम की स्थिति के बारे में पूर्व में ही सूचना दे दी थी लेकिन सरकार लोगों के जीवन के प्रति असंवेदनशील है। यदि सरकार ने समय पर काम किया होता तो कई लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती थी।
विपक्ष के सदस्य अपनी मेजों पर खड़े हो गए। उन्होंने मांग की कि सदन की कार्यवाही स्थगित की जाए और सरकार कश्मीर में बाढ़ की स्थिति पर जवाब दे। हालांकि सरकार ने कहा कि वह साढे 12 बजे सदन में उत्तर देगी। कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री बशरत बुखारी ने कहा, जैसा कि हमने सोमवार को कहा था, सरकार अपरान साढे 12 बजे सदन में जवाब देगी। हम सदन को स्थिति की जानकारी देंगे।
जवाब से अंसतुष्ट विपक्ष के सदस्यों ने विधानसभा से बहिर्गमन कर दिया। एनसी के विधायक मुबारक गुल ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा, सरकार की लापरवाही के कारण कई लोगों की मौत हो गई। समय पर कदम उठाकर लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती थी लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि सरकार को सूचित किया गया था कि लोग ऐसे मकानों में रह रहे हैं जो ढह सकते हैं और उन्हें स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया था।
एनसी के विधायक अली मोहम्मद सागर ने कहा, जहां इन लोगों की मौत हुई, वह पूरा गांव इस क्षति के दु:ख में डूबा है और सरकार को उनके दु:खों की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि समय पर कार्रवाई करने से बडगाम में मारे गए लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती थी। सागर ने कहा, यदि सरकार ने गंभीरता दिखाई होती और बचाव अभियान समय पर शुरू कर दिए गए होते तो कई लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती थी।
माकपा के विधायक एम वाई तारिगामी ने भी केंद्र सरकार पर जम्मू कश्मीर के बाढ़ प्रभावित लोगों के प्रति असंवेदनशीलता दिखाने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार को भी जिम्मेदारी बांटनी चाहिए और प्रभावित लोगों के बचाव एवं पुनर्वास में मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने केवल 200 करोड़ रूपए जारी किए हैं जो अपर्याप्त हैं। उन्होंने पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार पर भी कार्रवाई में देरी का आरोप लगाया।