पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में राज्य में संपन्न हुए 5 रेप केसों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर कोलकाता हाई कोर्ट में अर्जी दायर की गई है। इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केस डायरी और स्टेटस रिपोर्ट की मांग की है। इसके अलावा सभी मामलों में पीड़ितों और उनके गवाहों को अगली सुनवाई तक के लिए पुलिस प्रोटेक्शन दिए जाने का आदेश दिया है।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने केस की अगली सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तारीख तय की है। केस की सुनवाई करते हुए सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजर्षि भारद्वाज ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा कि इन घटनाओं में ज्यादातर पीड़िता नाबालिग हैं। उन्होंने कहा कि इन मामलों में गंभीर आरोप लगाए गए हैं और प्रशासन को इन मामलों की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी चाहिए। इसके अलावा अगली सुनवाई में केस डायरी भी अदालत के समक्ष पेश की जाए।
गौरतलब है कि बीते कुछ सप्ताह में पश्चिम बंगाल में रेप की 5 वीभत्स घटनाएं सामने आई हैं। इनमें से एक केस नादिया का है, जिसमें नाबालिग लड़की के रेप और मर्डर में टीएमसी नेता के बेटे का नाम भी सामने आया था। इसके अलावा दक्षिण 24 परगना जिले में रेप की दो घटनाएं हुई हैं।
वहीं, एक घटना पश्चिम मिदनापुर जिले के पिंगला की है, जबकि बीरभूम जिले में एक घटना हुई है। इन मामलों को लेकर हाई कोर्ट की महिला वकीलों ने जनहित याचिका दायर की थी। अर्जी में मांग की गई थी कि इन केसों की जांच सीबीआई से या फिर पश्चिम बंगाल से बाहर की किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए।