कर्नाटक में पूरी तरह से महिलाओं द्वारा प्रबंधित ‘पिंक बूथ’ से लेकर थर्ड जनरेशन के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल सहित प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहली बार कई नयी चीजें हो रही हैं।
देश के सूचना प्रौद्योगिकी गढ़ बेंगलुरू में चुनाव अधिकारियों ने 75 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य रखते हुए कई पहल किए हैं।
क्यों खास है ‘एम-3 ईवीएम’
छेड़छाड़ के लिहाज से ईवीएम के संवेदनशील होने के विवाद के गहराने के साथ चुनाव आयोग इस बार ‘एम 3 ईवीएम’ लेकर आया है जिसमें छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। छेड़छाड़ की किसी भी कोशिश पर ईवीएम काम करना बंद कर देते हैं।
यहां लगाई गईं नई मशीनें
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चुनाव आयोग ने प्रायोगिक आधार पर बेंगलुरू के पांच विधानसभा क्षेत्रों राजाराजेश्वरी नगर, शिवाजीनगर, शांतिनगर, गांधीनगर और राजाजी नगर में नयी मशीनें लगाई हैं। राजाराजेश्वरी में 28 मई को मतदान कराया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, इन मशीनों में बैट्री की स्थिति दिखेगी एवं डिजिटल प्रमाणन सहित अन्य विशेषताएं होंगी। मशीन में किसी तरह की खराबी होने पर मशीन वह भी बताएगी।
प्रदेश में स्थापित किए गए 450 ‘पिंक बूथ’
महिला उन्मुख कदम उठाते हुए 450 ‘पिंक बूथ’ स्थापित किए हैं जिन्हें ‘सखी’ नाम दिया गया है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने मैसुरू, चमराजनगर और उत्तर कन्नड़ जिलों में जातीय मतदान बूथ स्थापित किए हैं जो वहां के आदिवासी जन जीवन की शैली से मिलते जुलते हैं।
कर्नाटक में आज हैं चुनाव
गौरतलब है कि कर्नाटक में 12 मई को चुनाव होने हैं। चुनाव एक ही चरण में होगा और 15 मई को मतगणना होगी। 224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल मई में समाप्त हो रहा है। वर्तमान में कर्नाटक में कांग्रेस के सिद्धरमैया की सरकार है। विधानसभा में कांग्रेस के 122 विधायक हैं, जबकि भाजपा मुख्य विपक्षी पार्टी है और उसके पास 40 विधायक हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव को काफी अहम माना जा रहा है।