दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर 30 जनवरी को प्रदर्शन कर रहे छात्रों और छात्राओं की पुलिस द्वारा पिटाई किए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस के प्रति लोगों में क्षोभ को देखते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने आज दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त एस के गौतम को तलब किया और मध्य दिल्ली के झंडेवालान इलाके में आरएसएस कार्यालय के बाहर छात्रों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी। गौतम के साथ कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौदूद थे।
दिल्ली के विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों ने चार दिन पहले पुलिस की कार्रवाई के विरोध में आज पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की आत्महत्या का विरोध कर रहे छात्रों के समूह की पुलिस द्वारा लाठी और घूंसे से पिटाई और छात्राओं के बाल पकड़कर खींचने का वीडियो सामने आने के बाद लोगों में काफी गुस्सा है और कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
सूत्रों ने बताया कि सेंट्रल रेंज के संयुक्त पुलिस आयुक्त गौतम ने इस मुद्दे पर जंग को जानकारी दी। वीडियो में सामान्य पोशाक में दूसरे अज्ञात लोग भी छात्रों की पिटाई करते दिख रहे हैं। जांचकर्ताओं ने कहा कि इन लोगों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। शनिवार की घटना का वीडियो कल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था जिसके बाद तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पुलिस पर आरएसएस और भाजपा की निजी सेना होने के आरोप लगाए और कहा कि यह सरकार पूरे देश में छात्रों से लड़ रही है।
वहीं दिल्ली पुलिस आयुक्त बस्सी आज अपने पुलिस बल का बचाव करते नजर आए और कहा कि प्रदर्शनकारियों ने उन्हें भड़काया होगा। पुलिस आयुक्त ने ट्वीट किया, प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन साथ ही जैसा कि न्यायमूर्ति ओलीवर वेंडेल होम्स जूनियर ने कहा है कि मेरा घूंसा मारने का अधिकार वहां खत्म हो जाता है जहां दूसरे आदमी की नाक शुरू होती है>