मध्य प्रदेश के धार जिले के चिखल्दा गांव में अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठी सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को पुलिस ने सोमवार को जबरन वहां से हटा दिया। नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता पाटकर सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के प्रभावितों के लिये उचित पुनर्वास की मांग को लेकर अनशन पर बैठी थीं। वह 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठी थीं और सोमवार को उनके अनशन का 12वां दिन था। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई और पुलिस ने उन्हें और उनके साथियों को करीब के अस्पताल में दाखिल करवा दिया।
इधर आंदोलन से जुड़े लोगों का आरोप है कि शिवराज सरकार ने आंदोलन को भंग करने के लिए बल प्रयोग किया। इसे लेकर नर्मदा बचाओं आंदोलन के ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट किए गए जिसमें पुलिस के डंडे में कीलें लगी हुई दिखाई दे रही है। सोशल मीडिया पर और भी कई लोग इसे शेयर कर रहे हैं।
नर्मदा बचाओ आंदोलन के अकाउंट पर एक तस्वीर के साथ लिखा है, “संवेदना हो तो शिवराज चौहान जैसी, अस्पताल ले जाने के लिए पुलिस के हाथ में कीलें लगी हुई डंडे भेजते है। संवेदना भी नहीं और संवाद भी नहीं।”
संवेदना हो तो @ChouhanShivraj जैसी, अस्पताल ले जाने के लिए पलीस के हाथ में कीलें लगी हुई डंडे भेजते है। संवेदना भी नहीं और संवाद भी नहीं pic.twitter.com/yOSM7Z7SLw
— NarmadaBachaoAndolan (@NarmadaBachao) 7 August 2017
वहीं आंदोलन से जुड़े अमित कुमार ने ट्वीट किया, “कहीं और सभा करने के बजाय नर्मदा घाटी में आ जाते। पुलिस को कील लगाकर डंडे के साथ भेजकर कैसी सेवा करना चाहते थे।”
तो कहीं और सभा करने के बजाए नर्मदा घाटी में आ जाते। पुलिस को कील लगाकर डंडे के साथ भेजकर कैसी सेवा करना चाहते थे।
— Amit Kumar (@amitk8392) 7 August 2017
शिवराज के बोल
एक तरफ जहां आंदोलन से जुड़े लोग सरकार पर लाठी के दम पर आंदोलन को दबाने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद को संवेदनशील व्यक्ति बताया है। शिवराज सिंह ने एक के बाद एक कई सारे ट्वीट किए और कहा, “मैं संवेदनशील व्यक्ति हूं। चिकित्सकों की सलाह पर मेधा पाटकर जी व उनके साथियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, गिरफ्तार नहीं किया गया है।”
मैं संवेदनशील व्यक्ति हूँ। चिकित्सकों की सलाह पर @medhanarmada जी व उनके साथियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, गिरफ्तार नहीं किया गया है।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) 7 August 2017
उन्होंने आगे कहा, “मेधा जी और उनके साथियों की स्थिति हाई कीटोन और शुगर के कारण चिंतनीय थी। इनके स्वास्थ्य और दीर्घ जीवन के लिए हम प्रयासरत हैं।”
.@medhanarmada जी और उनके साथियों की स्थिति हाई कीटोन और शुगर के कारण चिंतनीय थी। इनके स्वास्थ्य और दीर्घ जीवन के लिए हम प्रयासरत हैं।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) 7 August 2017
शिवराज ने ट्वीट किया, “मैं प्रदेश का प्रथम सेवक हूं और मैं सरदार सरोवर बांध के विस्थापित अपने प्रत्येक भाई-बहन के समुचित पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध हूं।”
मैं प्रदेश का प्रथम सेवक हूँ और मैं सरदार सरोवर बाँध के विस्थापित अपने प्रत्येक भाई-बहन के समुचित पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध हूँ।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) 7 August 2017
मेधा का पलटवार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के द्वारा मेधा पाटकर और उनके साथियो को गिरफ्तार नहीं बल्कि अस्पताल भेजे जाने की बात पर मेधा पाटकर ने सवाल उठाए हैं। मंगलवार को ट्वीट कर मेधा पाटकर ने कहा, “यदि मुख्यमंत्री के हिसाब से मुझे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, गिरफ्तार नहीं किया गया तो क्यों मेरे सहयोगियों को मुझसे मिलने की इजाजत नहीं है? मैं अपने लोगों के साथ रहना चाहती हूं।”
If I am hospitalised as per CM, not arrested then why my colleagues are not allowed to visit me. I want to be with my people. 2/msg 4m hosp
— Medha Patkar (@medhanarmada) 8 August 2017
Why govt discriminating bw my and my colleagues health, I want to be with everyone in Dhar govt hospital. 1/ Message from Hospital
— Medha Patkar (@medhanarmada) 8 August 2017
इससे पहले पुलिस द्वारा अस्ताल ले जाने के दौरान मेधा ने कहा, "मध्य प्रदेश सरकार 12 दिन के अनशन पर बैठे हुए 12 साथियों को गिरफ्तार करके जवाब दे रही है। अहिंसक आंदोलन का यह कोई जवाब नहीं है। मोदी-शिवराज सरकार के राज में आकंड़ों का खेल, कानून का उल्लंघन और केवल बल प्रयोग किया जा रहा है। यह गांधी के सपनों की हत्या है। पहले अनशन तोड़ो, फिर बात करो। यह हम कैसे मंजूर कर सकते हैं?"
विपक्ष ने की निंदा
मध्य प्रदेश में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, “मैं सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा करता हूं। आंदोलन कर रहे विस्थापितों पर शिवराज सरकार के दमन का जवाब प्रदेश की जनता देगी। अपने अधिकारों के लिए आन्दोलन कर रहे नर्मदा के विस्थापितों के हक की लड़ाई हर कीमत पर जारी रहेगी”
अपने अधिकारों के लिए आन्दोलन कर रहे नर्मदा के विस्थापितों के हक की लड़ाई हर कीमत पर जारी रहेगी |
— Office Of Ajay Singh (@ASinghINC) 7 August 2017