दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के बाहर दो नवंबर को पुलिस और वकीलों के बीच जो हिंसक झड़प का मुद्दा और भी गरमा गया है। मंगलवार सुबह से ही दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर हजारो की संख्या में जवान जुटे हैं और नारेबाजी कर रहे हैं। साथ ही उन्होनें यह भी कहा कि अगर उनकी मांगे ना मानी गई तो आगामी 10 नवंबर को वे इंडिया गेट पर ज्यादा बड़ा प्रदर्शन करेंगे। इस बारे में उनका दावा है कि उस प्रदर्शन में करीब एक लाख पुलिसकर्मी हिस्सा लेंगे। वहीं दूसरी ओर पुलिस कमिश्नर की ओर से जवानों से प्रदर्शन वापस लेने की मांग की गई है, लेकिन जवान हैं कि वापस हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। साथ ही अब वे कमिश्नर को भी इस्तीफा देने पर अड़ गए हैं।
यह था मामला
दोनो पक्षों की मारपीट में पुलिस वाले घायल हुए तो पुलिस ने वकीलों पर फायरिंग की और दो वकील घायल हो गए थे। इसके बाद वकीलों ने सोमवार को कड़कड़डूमा कोर्ट में मारपीट की और साकेत कोर्ट परिसर के बाहर पुलिसवाले की पिटाई कर दी। अब इसके विरोध में पुलिसकर्मी दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर जुटे और प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में हजारो पुलिस वाले शामिल रहे।
कार्रवाई के डर से भी नहीं हटे
पुलिस कमिश्नर के आश्वासनों से भी पुलिसकर्मी संतुष्ट नहीं हुए और काम पर लौटने से इनकार कर दिया। इस दौरान जॉइंट सीपी ने ट्रेनिंग के समय पुलिसकर्मियों को पिलाई गई अनुशासन की घुट्टी की याद दिलाते हुए इशारों-इशारों में यह भी संकेत दिया कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है लेकिन प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मी टस से मस नहीं हुए।
सभी दे रहे हैं वकीलों का साथ
वहीं प्रदर्शन कर रहे दिल्ली पुलिस के एएसआई ने आउटलुक से बात करते हुए कहा कि सरकार ने हमे कहा कि वह एक कमेटी बिठाई जाएगी जिसके बाद फैसला होगा लेकिन हमारा यह कहना है कि जब कमेटी के बाद फैसला होगा तो पहले सजा हमे क्यों दी गई। वकीलों ने मिलीभगत करके रविवार को कोर्ट बिठाया और फैसला किया की वकीलों पर केस नहीं होगा। सभी नेता भी उन्ही की तरफदारी कर रहे हैं, हमारे पक्ष में नेता तो एकतरफ हमारे खुद के अधिकारी भी नहीं हैं। हमारी यह मांग है कि निष्पक्ष जांच कराई जाए और जिसकी गलती हो उस पर कड़ी कार्रवाई हो वो चाहे फिर हमारी क्यों ना हो। यह पूछे जाने पर की अगर उनकी मांगे ना मानी गई तो वे इस प्रदर्शन को कब तक जारी रखेंगे उन्होने कहा कि हम इस प्रदर्शन को जारी रखते हुए 10 तारीक को इंडिया गेट पर लेकर जाएंगे जहां कम से कम एक लाख पुलिसकर्मी इकट्ठा होंगे। साथ ही उन्होनें बताया कि आज यहां लगभग 20 हजार लोग जुडे हैं लेकिन इंडिया गेट पर इससे कई गुना बड़ा प्रदर्शन होगा।
ये हैं पुलिसकर्मियों की मुख्य मांगें:
-सस्पेंड किए गए पुलिसकर्मी की बहाली
-घायल पुलिसकर्मियों को उसी प्रकार मुआवजा जैसे वकीलों को दिया गया है, और वैसी ही इलाज की सुविधा
-आरोपी वकीलों पर कार्रवाई
-दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की जाए
-उन वकीलों की पहचान जिन्होंने कॉन्स्टेबल के साथ मारपीट की
-तीस हजारी कोर्ट में गड़बड़ी करने वाले वकीलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
-पुलिस वेलफेयर यूनियन बनाई जाए, ताकि भविष्य में किसी भी समस्या में हमारे हितों का ध्यान रखा जाए
-आज आंदोलन करने वाले पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई न की जाए