हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या की सीबीआइ जांच नहीं चाहते थे। उनका मानना था कि केंद्रीय जांच एजेंसी को मामला सुलझाने में सालभर का वक्त लग जाएगा। यह खुलासा पद्युम्न के पिता वरुण चंद्र ठाकुर ने किया है।
सीबीआइ ने जब पद्युम्न की हत्या के सिलसिले में उसके ही स्कूल के 11वीं कक्षा के एक छात्र को पकड़ा था, तब भी राव नरबीर ने जांच पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि सीबीआइ का दावा उनके गले नहीं उतर रहा और वे इस मामले में पुलिस जांच को ही सही मानते हैं। वरुण ने बताया कि राव नरबीर सिंह ने उनसे मिलकर सीबीआइ जांच की मांग छोड़ने को कहा था। उन्होंने कहा कि था कि सीबीआइ को मामला सुलझाने में छह महीने से सालभर का वक्त लग जाएगा, इसलिए आप पुलिस जांच पर भरोसा कीजिए। वरुण ने बताया कि इसके जवाब में उन्होंने कहा, यदि सीबीआइ भी इसी नतीजे पर पहुंचती है, जिस पर पुलिस पहुंची है तो मैं उस रिपोर्ट को स्वीकार कर लूंगा। लेकिन, हम सबसे पहले सीबीआई जांच की मांग करते हैं।
राव नरबीर ने मामले की जांच को प्रभावित करने की कोशिश करने संबंधी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि उनकी छवि धूमिल करने के लिए इस मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। राव नरबीर ने बताया कि उन्होंने प्रद्युम्न से कहा था कि ऐसा नहीं होता की किसी घटना के पहले ही दिन राज्य सरकार सीबीआइ जांच की सिफारिश कर दे। आपको हरियाणा पुलिस को 4-5 दिन का वक्त देना चाहिए। यदि आप संतुष्ट नहीं होंगे तो सीबीआइ जांच करवा दी जाएगी। प्रद्युमन का गला रेता शव आठ सितंबर को रेयान स्कूल के वॉशरूम से मिला था। हरियाणा पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। सीबीआइ ने अशोक को क्लीनचिट देते हुए बताया था कि आरोपी छात्र ने परीक्षा और पीटीएम टलवाने के लिए प्रद्युम्न की हत्या की थी।