किसान आंदोलन को लेकर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि किसानों के मौजूदा संकट को लेकर काफी दुखी हूं। मुझे ऐसा लगता है कि इस मुद्दे को बेहतर तरीके से सुलझाया जा सकता था, अगर सरकार ईमानदारी से फीडबैक पर ध्यान दिया होता कि वाकई में किसान सरकार के कदमों के बारे में क्या सोचते हैं।
तीनों कृषि कानून पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा है कि इन कानूनों ने देश को गहरी उथल-पुथल में धकेल दिया है। ये मुद्दा अकेले किसानों का नहीं है, बल्कि पूरे देश के आर्थिक ताने-बाने को प्रभावित करता है। हाल में प्रकाश सिंह बादल ने किसानों के समर्थन में पद्म विभूषण सम्मान लौटाने का ऐलान किया था। प्रकाश सिंह बादल को 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
अवार्ड लौटाते समय उन्होंने लिखा था कि इतना गरीब हूं कि किसानों के लिए कुर्बान करने के लिए मेरे पास कुछ और नहीं है। मैं जो भी हूं किसानों की वजह से हूं। ऐसे में अगर किसानों का अपमान हो रहा है तो किसी तरह का सम्मान रखने का कोई फायदा नहीं है। बादल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविद को तीन पन्नों की चिट्ठी लिखकर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की थी।
पंजाब और हरियाणा के किसान जो 12 दिनों से दिल्ली और उसके आसपास आकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि केन्द्र सरकार की तरफ से लाए गए तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस ले। उन्हें नए कानूनों को ‘किसान-विरोधी’ करार दिया है। किसानों ने कहा कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हो जाएगा और बड़े कॉर्पोरेट के आगे उन्हें छोड़ दिया जाएगा।