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दर्दनाक: एंबुलेंस ना मिलने से महिला की रास्ते में डिलीवरी हुई, नवजात बच्ची की मौत

महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरही ले जाने के लिए उसका पति स्वास्थ्य केंद्र से करीब डेढ़ घंटे तक गुहार लगाता रहा। महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि महिला को एंबुलेंस नहीं मिली।
दर्दनाक: एंबुलेंस ना मिलने से महिला की रास्ते में डिलीवरी हुई, नवजात बच्ची की मौत

मध्य प्रदेश से एक विचलित करने वाली खबर आई। पीटीआई के हवाले से कहा गया कि कटनी जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर बरही में एक महिला का सड़क पर ही सोमवार 31 जुलाई की दोपहर प्रसव होने की खबर है। इसके कारण नवजात बच्ची की जमीन पर गिरने से मौके पर ही मौत हो गई।

यह तस्वीर इतनी विचलित करने वाली थी, जिसे आप एक बार में देख नहीं सकते। जब देश के लोगों को लगातार 'अच्छे दिनों' का ख्वाब दिखाया जा रहा हो, देश की तरक्की की बातें की जा रही हों, बड़ी योजनाएं चल रही हों, ऐसे में बुनियादी चीजों की वजह से मौत की खबर पर अफसोस से ज्यादा गुस्सा आता है।

ये इस बात से पता चलता है कि महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरही ले जाने के लिए उसका पति स्वास्थ्य केंद्र से करीब डेढ़ घंटे तक गुहार लगाता रहा। महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि महिला को एंबुलेंस नहीं मिली।

उन्होंने दावा किया कि प्रसव पीड़ा के दौरान बीना बाई को जब एंबुलेंस लेने घर नहीं पहुंची, तो वह पैदल ही अस्पताल की ओर चल पड़ी। बरमानी गांव से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 20 किलोमीटर है।

परिजन ने बताया कि जैसे ही महिला बरही पुलिस थाने के पीछे सड़क पर पहुंची, उसका प्रसव हो गया और नवजात बच्ची की जमीन पर गिरने से मौत हो गई।

हालांकि, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अशोक अवधिया ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरही में एंबुलेंस नहीं है और जननी एक्सप्रेस नाम से चलने वाली 108 एंबुलेंस हमारे अधिकार में नहीं है। इसे भोपाल से उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और यदि कोई दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ ''कड़ी कार्रवाई'' की जाएगी।

''कड़ी कार्रवाई'' इस देश के लिए इतना भावशून्य शब्द हो गया है कि इस शब्द का इस्तेमाल करने वाले को भी पता है कि यह महज एक औपचारिकता भर है। समझ में नहीं आता यह कड़ी कार्रवाई कब और कहां की जाती है, जिसके नतीजे नहीं मिलते। किसी को पता चले तो बताइएगा।

 

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