राष्ट्रपति भवन की एक विज्ञप्ति के मुताबिक राजखोवा अब अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल नहीं हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मेघालय के राज्यपाल वी शणमुगानाथन को अरूणाचल के राज्यपाल का अतिरिक्त दायित्व संभालने को कहा है जब तक कि कोई नियमित व्यवस्था नहीं हो जाती। राजखोवा को 12 मई 2015 को अरूणाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। सरकार ने उनमें विश्वास खो देने की सूचना राष्ट्रपति को दी थी, जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले हफ्ते राष्ट्रपति से मुलाकात की थी और उन्हें इस बात से अवगत कराया था कि राज्य में कांग्रेस सरकार की बर्खास्तगी को लेकर इनके खिलाफ उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बाद इस पद पर राजखोवा का बने रहना उचित नहीं रह गया है। पिछले साल कांग्रेस सरकार की बर्खास्तगी को लेकर उनके खिलाफ उच्चतम न्यायालय के गंभीर टिप्पणी किए जाने के बाद केंद्र ने राजखोवा से पद छोड़ने को कहा था लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद गृहमंत्री की राष्ट्रपति के साथ बैठक हुई।
वहीं, राजखोवा ने कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे बल्कि बर्खास्त होने के लिए तैयार हैं। राज्यपाल ने सोमवार को गुवाहाटी स्थित टीवी न्यूज चैनलों से कहा था, मैं चाहता हूं कि राष्ट्रपति मुझे बर्खास्त करें। मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। राष्ट्रपति अपनी नाराजगी जाहिर करें। सरकार संविधान के अनुच्छेद 156 के प्रावधानों का इस्तेमाल करे। राजखोवा ने कहा कि अरूणाचल में कांग्रेस सरकार को उच्चतम न्यायालय द्वारा बहाल कर दिए जाने के हफ्तों बाद उन्हें स्वास्थ्य आधार पर इस्तीफा देने को कहा गया। उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिख कर भी अपना रूख स्पष्ट किया था जिसे मुखर्जी ने गृह मंत्रालय को भेज दिया था। हालांकि गृह मंत्रालय द्वारा राज्यपाल पर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद राष्ट्रपति ने आखिरकार राजखोवा को आज बर्खास्त कर दिया। राजखोवा 1968 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह राज्यपाल नियुक्त होने से पहले असम के मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे।