रेल सेवा लगातार चौथे दिन प्रभावित रही और अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में बड़ी संख्या में किसानों ने रेल रोको आंदोलन में भाग लिया। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन की वजह से रेलगाड़ियों की आवाजाही प्रभावित हुई है जिनमें लुधियाना-फिरोजपुर, लुधियाना-अमृतसर, बठिंडा-अंबाला और अंबाला-फिरोजपुर ट्रेनें शामिल हैं। उधर शिअद ने किसानों से अपना प्रदर्शन वापस लेने की अपील की है। सत्ताधारी पार्टी ने मुख्यमंत्री से वार्ता करने के लिए आंदोलनरत किसानों के सामने कोई पूर्व शर्त नहीं रखी है।
शिअद के सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने आज कहा, किसानों के साथ मेज पर चर्चा करने के लिए हमने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और मुख्यमंत्री के बीच मुलाकात चंडीगढ़ में सोमवार शाम साढ़े चार बजे तय की है। चंदूमाजरा को जिम्मेदारी दी गई है कि वह अंदोलनरत किसानों को चर्चा की मेज पर लाएं।
उधर किसानों ने अपने रेल रोको आंदोलन को पहले 10 अक्तूबर तक बढ़ा लिया था। इससे पहले, प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधियों ने मुख्य सचिव की अगुवाई वाले वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की थी, लेकिन बैठक बेनतीजा रही। आंदोलन को तेज करने की उनकी योजना के मुताबिक, भारतीय किसान यूनियन एकता (दकूंडा), भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्राहां), भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) कीर्ति किसान यूनियन सहित कम से कम आठ किसान संगठन रेल रोको आंदोलन में शामिल हैं जो सात अक्तूबर को शुरू हुआ था। रेल प्राधिकारियों या राज्य प्राधिकारियों की ट्रेनों को न रोकने की गुजारिश पर ध्यान नहीं देते हुए बड़ी संख्या में किसान राज्य में विभिन्न स्थानों पर रेलवे ट्रैकों पर बैठ गए जिस वजह से मुसाफिरों को खासी परेशानी हो रही है।