एक अप्रैल से पंजाब में केंद्रीय पूल के लिए शुरु होने वाली गेंहू की सरकारी में किसी भी तरह की रुकावट डालने वालों के खिलाफ राज्य सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। इस सीजन में करीब 130 लाख टन गेहूं खरीद की तैयारी करने वाली पंजाब सरकार किए प्रबंधों के आधार पर दावा कर रही है कि किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी प्रकार की मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदंर सिंह ने भी इस संबंध में राज्य के डीजीपी सुरेश अरोड़ा को फसल की बगैर रुकावट खरीद सुनिश्चत करने के कड़े दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। मंडियों में खरीद के कार्य को बगैर रुकावट सम्पन्न करने के लिए एस्मा लगाने के मामले पर भी सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, खाद्यान्नों की खरीद का ट्रांसपोर्टरों द्वारा बायकाट करने या फिर खाद्यानों की ढुलाई के लिए अधिक वसूली करने वालों के विरुद्ध सरकार सख्त कदम उठा सकती है। सरकार ने एक अप्रैल से फसल की खरीद की तैयारी की हुई है। 395 कलस्टर्स में से सरकार ने गेहूं की खरीद के लिए ट्रांसपोर्टरों के टेंडरों को शत-प्रतिशत मंजूरी प्रदान कर दी है।
राज्य सरकार द्वारा गेहूं ढुलाई के ट्रांसपोर्ट के लिए तय किए गए रेटों को लेकर ट्रांसपोर्टर सहमत नहीं थे क्योंकि वह ऊंचे दाम चाहते हैं। जालन्धर, बरनाला, संगरूर, फिरोजपुर तथा पटियाला जिलों में नए सिरे से टैंडर अप्रैल के शुरू में खोले जाएंगे। सरकार को 6 सरकारी एजेंसियों से लगभग 130 लाख टन गेहूं की खरीद की उम्मीद है। सरकार ने मंडियों के आसपास खरीद मौसम में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े प्रबंध करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। डीजीपी को कहा गया है कि वह खरीद मौसम के दौरान सभी जिला पुलिस प्रमुखों के साथ सम्पर्क में रहे तथा गेहूं खरीद में रुकावट डालने वाले तत्वों से कड़ाई से पेश आएं।