कोरोनावायरस प्रकोप के बीच राजस्थान ने कोरोना संक्रमण की जांच के लिए रैपिड टेस्टिंग किट का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि त्रुटिपूर्ण नतीजे आने के बाद राज्य सरकार ने कोरोनावायरस के परीक्षण के लिए रैपिड टेस्टिंग किट का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को इसकी सूचना दे दी गई है। उन्होंने कहा है कि किट्स की एक्यूरेसी सिर्फ 5.4 प्रतिशत है।
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि रैपिड टेस्टिंग किट का प्रभाव जानने के लिए एक कमेटी बनाई थी। इन किट्स की एक्यूरेसी 90 फीसदी होनी चाहिए थी। लेकिन, यह महज 5.4 प्रतिशत ही आ रही है। टेस्टिंग के वक्त तापमान को लेकर जो गाइडलाइन थी, उसका भी पालन किया गया था। इसके बाद भी परिणाम सटीक नहीं हैं। शर्मा के अनुसार, “विशेषज्ञों की टीम ने सलाह दी है कि इस टेस्टिंग किट के इस्तेमाल से कोई फायदा नहीं है। ऐसे में रैपिड टेस्टिंग किट से जांच रोक दी गई है। अब पहले की तरह पीसीआर से जांच होगी। इसमें तेजी लाई जाएगी।”
पश्चिम बंगाल ने भी की थी शिकायत
इससे पहले पश्चिम बंगाल ने कोरोनावायरस टेस्टिंग किट के दोषपूर्ण होनेे की शिकायत की थी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने शिकायत की थी कि यह टेस्टिंग किट दोषपूर्ण हैं और गलत परिणाम दे रही हैं। इससे कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ 'जंग' धीमी पड़ रही है। राज्य की ओर से मिली शिकायत की पुष्टि करते हुए आईसीएमआर के उप निदेशक डॉक्टर रमन गंगाखेडकर ने सोमवार को दिल्ली में एक प्रेस मीट में कहा कि किट अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा अनुमोदित हैं और अच्छी गुणवत्ता की हैं। हालांकि, एक बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए था कि टेस्टिंग किट को हर समय -20 डिग्री तापमान पर रखने की आवश्यकता होती है। हालांकि इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च ने कहा है कि वह पश्चिम बंगाल में सभी दोषपूर्ण कोविड-19 टेस्टिंग किट को बदलेगा।
देश में बढ़ रहा है प्रकोप
देश में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है। भारत में कोरोनावायरस से अब तक 601 लोगों की मौत हो चुकी है और 18 हजार से ज्यादा लोग इसके संक्रमण के शिकार हैं। पिछले 24 घंटे की बात करें तो इस दौरान 1,336 नए मामले और 47 मौतें सामने आई हैं। अभी तक कुल मरीजों की संख्या 18,829 हो चुकी है। वहीं अगर ठीक होने वाले मरीजों की बात करें, तो कुल 3,286 मरीजों का उपचार हो चुका है। 24 घंटे में अब तक सबसे ज्यादा 705 लोगों का उपचार हो चुका है।