नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट पोस्टग्रेजुएट (नीट पीजी) काउंसलिंग 2021 में बार-बार हो रही देरी के खिलाफ डॉक्टरों के तमाम संगठनों ने हड़ताल का ऐलान किया है। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) ने 27 नवंबर यानी शनिवार से देशभर में हड़ताल की अपील की है। एफओआरडीए ने बयान जारी कर कहा कि एसोसिएशन ने देशभर में रेजिडेंट डॉक्टरों से शनिवार से ओपीडी सेवाओं से खुद को दूर करने का ऐलान किया है। फोर्डा ने देश भर के सभी रेजिडेंट डॉक्टरों से शनिवार से बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाओं से हटने का अनुरोध किया है।
फोर्डा के अनुसार, "देश के पहले से ही बोझ से दबे और थके हुए रेजिडेंट डॉक्टर, जो कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से फ्रंट लाइन में लड़ रहे हैं, पहले से ही विलंबित नीट पीजी काउंसलिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही से कुछ सकारात्मक परिणाम के लिए आज तक धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं। हालांकि, उन्हें शारीरिक और मानसिक संकट से कोई राहत नहीं मिल रही है, अगली अदालत की सुनवाई 6 जनवरी 2022 को निर्धारित है।"
Letter of Intimation to Hon’ble @mansukhmandviya Sir regarding withdrawal from #OPD services in healthcare institutions, 27/11/2021 onwards, protesting against the multiple delays & postponements of #NEETPG2021Counselling @MoHFW_INDIA @DghsIndia @ANI @barandbench @LiveLawIndia pic.twitter.com/WtUifjAM3p
— FORDA INDIA (@FordaIndia) November 26, 2021
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के बाद देशव्यापी हड़ताल का निर्णय लिया गया। है। फोर्डा ने कहा, ''हम इसके द्वारा केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट से रेजिडेंट डॉक्टरों की शिकायतों पर ध्यान देने और नीट पीजी- 2021 काउंसलिंग के साथ-साथ प्रवेश प्रक्रिया में तेजी लाने और अदालती कार्यवाही को तेजी से ट्रैक करने के लिए आवश्यक उपाय करने का आग्रह करते हैं।
फोर्डा के बयान में कहा गया है, "केंद्र और सुप्रीम कोर्ट दोनों से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलने की स्थिति में डॉक्टर्स एसोसिएशन को विरोध करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित करने वाली ऐसी किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की होगी।''
इससे पहले गुरुवार को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए 8 लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा के मानदंड पर फिर से विचार करने का फैसला किया है और 4 सप्ताह के भीतर एक नया निर्णय लिया जाएगा। कोर्ट की अगली सुनवाई 6 जनवरी को निर्धारित की गई है।