उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम ने शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज के निर्माण में धांधली के आरोपों की जांच के लिए कमेटी गठित कर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। मामले में निर्माण निगम के एमडी और चिकित्सा शिक्षा के महानिदेशक को भी जिम्मेदार ठहराया गया था। जबकि जिस समय गड़बड़ियों की बात कही जा रही है, उस समय दोनों अधिकारी इन पदों पर नहीं थे।
वाह्य सहायतित परियोजना की प्रमुख सचिव डिंपल वर्मा ने जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेजों में बदलने की योजना के तहत शाहजहांपुर में कराए जा रहे निर्माण के लिए गठित अनुबंध में गड़बड़ियों की रिपोर्ट दी है। उनके अनुसार शाहजहांपुर में जिस एजेंसी को काम दिया गया, उसने बदायूं में पहले से चल रहे प्रोजेक्ट के पूरा होने का गलत प्रमाण पत्र दिया है। इसके लिए उन्होंने निर्माण निगम के एमडी और चिकित्सा शिक्षा के महानिदेशक को जिम्मेदार बताया था। निर्माण निगम के एमडी राजन मित्तल ने 24 अप्रैल को पद ग्रहण किया है। जबकि अनुबंध अक्टूबर 2016 में किया गया था और उस समय आरके गोयल निर्माण निगम के एमडी थी। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार सहित कई मामलों में जांच चल रही है। ऐसे ही चिकित्सा शिक्षा के महानिदेशक केके गुप्ता ने भी पिछले साल पद भार ग्रहण किया है।
एमडी राजन मित्तल ने 12 जुलाई को वाह्य सहायतिति प्रमुख सचिव को भेजे पत्र में कहा है कि पूरे मामले से उनका कोई लेना देना नहीं है और 12 जुलाई को ही जांच समिति गठित की जा चुकी है। जिसमें अतिरिक्त महाप्रबंधक संविदा सत्यवीर को अध्यक्ष बनाया गया है। साथ ही अतिरिक्त महाप्रबंधक तकनीकी एके शुक्ला को सदस्य बनाया गया है।