झारखंड सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसे यूपीएससी से तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम मिले हैं और वर्तमान पुलिस प्रमुख के पद छोड़ने के बाद 12 फरवरी को उनमें से एक को राज्य के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
झारखंड के मौजूदा डीजीपी 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी, नीरज सिन्हा 11 फरवरी, 2023 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने बयान पर संज्ञान लिया और झारखंड सरकार और उसके वर्तमान डीजीपी के खिलाफ एक अवमानना याचिका को निस्तारित कर दिया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि सिन्हा 31 जनवरी, 2022 को सेवानिवृत्त होने के बाद भी इस पद पर बने हुए हैं।
पीठ में न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला भी शामिल हैं। झारखंड सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ को बताया कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पांच जनवरी को तीन नामों का चयन किया था।
वरिष्ठ वकील ने कहा, “हमें यूपीएससी से नाम मिले हैं, हम उनमें से एक को 12 फरवरी को नियुक्त करेंगे। मौजूदा डीजीपी 11 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।”
शीर्ष अदालत ने 19 दिसंबर को झारखंड में नए पुलिस प्रमुख की नियुक्ति में देरी पर संज्ञान लिया था और राज्य सरकार को यूपीएससी को जवाब देने का निर्देश दिया था।
पीठ ने कहा, “यूपीएससी की ओर से पेश वकील नरेश कौशिक ने कहा कि 30 नवंबर, 2022 को यूपीएससी ने झारखंड राज्य से एक पत्राचार किया है जिसमें डीजीपी के पद के लिए अधिकारियों की सिफारिश करने के प्रस्ताव में पाई गई कुछ खामियों को दूर किया गया है।”
पीठ ने राज्य सरकार और अन्य के खिलाफ अवमानना याचिका को 16 जनवरी के लिये सूचीबद्ध करते हुए निर्देशित किया था, “हम झारखंड राज्य को निर्देश देते हैं कि यूपीएससी द्वारा प्रस्तुत किए गए अनुरोधों पर ध्यान दें और 23 दिसंबर को या उससे पहले अपना जवाब सकारात्मक रूप से प्रस्तुत करें। यूपीएससी इसके बाद नौ जनवरी, 2023 तक निर्णायक कार्रवाई करेगा।”
शीर्ष अदालत झारखंड सरकार और उसके वर्तमान डीजीपी नीरज सिन्हा के खिलाफ एक अवमानना याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सिन्हा 31 जनवरी, 2022 को सेवानिवृत्त होने के बाद भी पद पर काबिज हैं।