संघ के एक पदाधिकारी ने कहा, यह :रामनवमी: एक धार्मिक त्योहार है लेकिन इसके जरिए हमने हिंदुओं को कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ एकजुट करने की योजना बनाई है।
पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार द्वीप में आरएसएस के संगठन सचिव बिद्युत मुखर्जी ने पीटीआई-भाषा से कहा, बंगाल में कट्टरपंथी ताकतें बढ़ गईं हैं। अनेक सीमावर्ती जिलों से घुसपैठ के कारण भौगोलिक असंतुलन बढ़ गया है।
आरएसएस ने कोयंबटूर में आयोजित अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में बंगाल में बढ़ती जिहादी गतिविधियों और हिंदुओं की गिरती जनसंख्या पर चिंता जताते हुए एक प्रस्ताव पास किया था।
भाजपा के राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरएसएस के कार्यक्रम का समर्थन करते हुए कहा, हम रामनवमी के इस प्रकार से मनाने का समर्थन करते हैं। इससे लोगों को देश विरोधी ताकतों और वोट बैंक की राजनीति के खिलाफ एकजुट करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने बताया कि इसमें उत्तर दिनाजपुर, वर्धमान, बीरभूमि, नादिया, पश्चिम मिदनापुर और अन्य जिलों में बड़ी रैलियां और बैठकें की जाएंगी।
आयोजन स्थल का चयन इस लिहाज से महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तर दिजनापुर बिहार और बांग्लादेश की सीमा से लगता है और यहां मुस्लिम बहुल जनसंख्या है जबकि वर्धमान और बीरभूमि सांप्रदायिक तौर पर संवेदनशील क्षेत्र है।
इन कार्यक्रमों का आयोजन रामनवमी उत्जापन समिति के बैनर तले आयोजित किया जाएगा।
बंगाल अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक :कानून व्यवस्था: अनुज शर्मा ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा, अभी तक मुझे ऐसे किसी कार्यक्रम के बारे में जानकारी नहीं है। मुझे देखना पड़ेगा।
वहीं तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, आरएसएस और भाजपा पिछले कुछ वर्षों से राज्य के सांम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है, लेकिन इसमें नाकाम रही है। हर एक को धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने का अधिकार है लेकिन हमारी सरकार समुदायों को बांटने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेगी।
दूसरी ओर विहिप अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। विहिप के प्रवक्ता एस मुखर्जी ने बताया कि संगठन जिलों में राम नवमी के मौके पर रैलियां निकालेगा और विशेष पूजा करेगा। इसके बाद 11 अप्रैल को हिंदू धर्मसभा करने की भी योजना है।
इस बीच माकपा के राज्य इकाई के सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने आएएसएस पर राज्य में सांप्रदायिक दंगे कराने की योजना बनाने का आरोप लगाते हुए आगाह किया कि वाम पार्टियां किसी भी कीमत में सांप्रदायिक सौहार्द की रक्षा करेंगी। भाषा