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कोरोना संक्रमितों की मदद में जुटे सन्‍यासी, देश के 25 शहरों में चल रहा योगदा सत्‍संग का काम

स्‍वामी योगानंद के ज्ञान योग और आध्‍यात्‍म का संदेश फैलाना वाला योगदा सत्‍संग आश्रम कोरोना...
कोरोना संक्रमितों की मदद में जुटे सन्‍यासी, देश के 25 शहरों में चल रहा योगदा सत्‍संग का काम

स्‍वामी योगानंद के ज्ञान योग और आध्‍यात्‍म का संदेश फैलाना वाला योगदा सत्‍संग आश्रम कोरोना संक्रमण काल में पीड़‍ितों की मदद में भी जुटा हुआ है। योगदा आश्रम के सन्‍यासियों की टोली और इससे जुड़े स्‍वयंसेवक देश के 20 प्रदेशों के 25 जिलों में सेवा कार्य कर रहे हैं। लॉकडाउन के पहले चरण में भी योगदा सत्‍संग, रांची ने हजारों गरीब परिवारों के बीच सूखा अनाज का वितरण किया था। किचन गार्डेन में उपजी ताजी सब्जियां बांट रहे थे। बता दें कि रांची रेलवे स्‍टेशन के सामने तीन एकड़ में इसका विशाल परिसर है।

योगदा आश्रम अभी रांची के अस्‍पताल और मेडिकलकर्मी चौबीसों घंटे एंबुलेंस और शव वाहन की सेवा दे रहा है। इसके अतिरिक्‍त ऑक्‍सीजन सिलेंडर, मेडिकल किट और मुफ्त चिकित्‍सीय परामर्श दिया जा रहा है। एक स्‍वयंसेवी संगठन को आपातकालीन कोविड अस्‍पताल प्रारंभ करने में भी मदद की जा रही है। आइसीयू में भर्ती जरूरतमंद मरीजों और वैसे परिवारों जिनके अर्थोपार्जन करने वाले मुखिया का निधन हो गया है को भी आर्थिक सहायता दी जा रही है। आजीविका गंवा चुके परिवारों को सूखा अनाज कई जिलों में उपलब्‍ध कराया जा रहा है।

आश्रम के एक सन्‍यासी के अनुसार जरूरत मंदों की मदद के लिए योगदा आश्रम ने 0651-6655500 फोन नंबर भी जारी किया है। आश्रम के सन्‍यासी और इससे जुड़े लोग एन-95 मास्‍क, पल्‍स ऑक्‍सीमीटर, थर्मामीटर, स्‍ट्रेचर, व्‍हील चेयर जैसी जरूरी सामग्री उपलब्‍ध करा रहे हैं। जरूरत पड़ने पर अस्‍पतालों को बॉयपॉप मशीन और ऑक्‍सीजन कंसंट्रेटर तक देने की व्‍यवस्‍था है। अस्‍पतालों में इन उपकरणों की कम उपलब्‍धता के कारण यह व्‍यवस्‍था की गई है। आश्रम के केंद्र जरूरत पड़ने पर एंबुलेंस और शव वाहन भी मुहैया कराते हैं। रांची, कोयंबटूर, हरिद्वार,मदुरै, मुंबई, नागपुर, सेरमपोर, वेल्‍लोर, विजयवाड़ा जैसे शहरों में यह सुविधा दी जा रही है। इसके अतिरिक्‍त दक्षिणेश्‍वर, द्वाराहाट, अर्सिकेरे, बेल्‍लारी, बेंगलुरू, चंडीगढ़, चेन्‍न्‍ई, लखनऊ, मंगलुरू, मैसूर, रायुर, तंजावुर जैसे शहरों में पीपीई किट, फेस शिल्‍ड, मेडिकल ग्‍लोव, सेनेटाइजर भी मेडिकल फ्रंटलाइन वर्करों या मरीजों की मदद में लगे स्‍वयंसेवकों को देने की व्‍यवस्‍था है। आश्रम के प्रवक्‍ता के अनुसार उत्‍तराखंड के द्वारा हाट में छोटा अस्‍पताल होने के कारण एंबुलेंस सेवा नहीं थी। यह देख योगदा आश्रम ने निकट के हलद्वानी के बड़े अस्‍पताल तक मरीजों को पहुंचाने के लिए एक वाहन खरीदकर एंबुलेंस का रूप दिया।

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