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बिलकिस बानो को सुप्रीम कोर्ट से झटका, 11 दोषियों की सजा के खिलाफ जल्द पीठ गठित करने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की उस याचिका पर सुनवाई करने के लिए नई पीठ का जल्द गठन करने के अनुरोध को...
बिलकिस बानो को सुप्रीम कोर्ट से झटका, 11 दोषियों की सजा के खिलाफ जल्द पीठ गठित करने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की उस याचिका पर सुनवाई करने के लिए नई पीठ का जल्द गठन करने के अनुरोध को बुधवार को खारिज कर दिया, जिसमें उसके सामूहिक दुष्कर्म मामले में गुजरात सरकार द्वारा 11 दोषियों की सजा माफ करने को चुनौती दी गई है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ से बानो की ओर से पेश वकील शोभा गुप्ता ने अनुरोध किया कि मामले पर सुनवाई के लिए एक अन्य पीठ का गठन किए जाने की आवश्यकता है। सीजेआई ने कहा, ‘‘रिट याचिका को सूचीबद्ध किया जाएगा। कृपया एक ही चीज का जिक्र बार-बार मत करिए, यह बहुत परेशान करने वाला है।''

बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बेला एम. त्रिवेदी ने मंगलवार को बानो द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करने से खुद को अलग कर लिया था।

गुजरात सरकार ने मामले में सभी 11 दोषियों की सजा माफ कर दी थी और उन्हें इस साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया था। बानो से गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद हुए दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार किया गया था और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। घटना के वक्त बानो की उम्र 21 साल थी और वह पांच महीने की गर्भवती थी।

मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई और सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे की सुनवाई महाराष्ट्र की एक अदालत में स्थानांतरित की थी। मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 21 जनवरी 2008 को 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी। बाद में बंबई हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी सजा बरकरार रखी थी। मामले में दोषी ठहराए गए 11 लोग 15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से रिहा हुए थे। गुजरात सरकार ने राज्य की सजा माफी नीति के तहत इन दोषियों को रिहा करने की अनुमति दी थी।

 

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