सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिसंबर में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले डॉक्टर कफील खान की गिरफ्तारी का मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया है। गोरखपुर के बाल रोग विशेषज्ञ कफील अभी न्यायिक हिरासत में हैं। डॉ. कफील को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। इस कार्रवाई के खिलाफ कफील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। डॉ. कफील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मामले की सुनवाई और तत्काल रिहाई की मांग की थी।
एनएसए की गिरफ्तारी को दी थी चुनौती
इससे पहले, अलीगढ़ अदालत ने डॉ. कफील खान को जमानत दे दी थी। लेकिन रिहा होने से पहले, अलीगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत उनकी हिरासत के लिए एक निर्देश पारित किया था।
डॉ. खान की ओर से उनके वकील फौजिल अय्युबी ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी। अय्युबी ने तर्क दिया था कि उनके मुवक्किल को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्हें एनएसए के तहत अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया है।
भड़काऊ भाषण देने का है आरोप
डॉ. खान को पिछले महीने उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने 12 दिसंबर, 2019 को सीएए के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित रूप से भड़काऊ बयान देने के बाद मुंबई से गिरफ्तार किया था। उन्हें 14 फरवरी को एनएसए के तहत आरोपित किया गया था।
पुलिस के मुताबिक डॉक्टर कफील का भाषण सुनने के बाद से ही विश्वविद्यालय के छात्रों ने 15 दिसंबर को उग्र प्रदर्शन और तोड़फोड़ की थी। पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। बाद में उन्हें मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर अलीगढ़ के चीफ जुडिशल मैजिस्ट्रेट (सीजेएम) की कोर्ट में पेश किया गया था। सीजेएम ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। लेकिन अशांति पैदा होने की संभावना को देखते हुए उन्हें मथुरा जिला जेल में ट्रांसफर कर दिया गया था।