Advertisement

अयोध्या मामले में फैसले के दौरान उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था सख्त

अयोध्या विवाद पर फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी गई है। सोशल...
अयोध्या मामले में फैसले के दौरान उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था सख्त

अयोध्या विवाद पर फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी गई है। सोशल मीडिया पर भी वालंटियर के माध्यम से खास ध्यान दिया जा रहा है। किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणी पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। एहतियातन अलीगढ़, आगरा समेत कुछ अन्य जिलों में शुक्रवार रात 12 बजे से फैसले वाले दिन यानी शनिवार को 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद की गई हैं। इसके अलावा कुछ जिलों में यातायात व्यवस्था में भी परिवर्तन किया गया है। साथ ही भारत नेपाल की सीमा को सील कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद सूबे की पल-पल की घटनाओं पर निगाह रख रहे हैं। राजनीतिक दलों ने भी आज के अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं। इसके अलावा 12 नवंबर तक सभी स्कूलों कॉलेजों को बंद कर दिय गया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद से ही राज्य सरकार फैसले को लेकर होने वाली तैयारियों पर कार्रवाई कर रही थी। इसी के मद्देनजर आपसी सौहार्द्र बनाए रखने के लिए थाना स्तर पर शांति समितियों की बैठकें भी कर ली गई हैं।

सुन्नी पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला जो भी आए, अब वह इस विवाद को आगे नहीं ले जाएंगे। इसी प्रकार बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने भी कहा कि अगर वह केस जीत भी जाएंगे तो वहां मस्जिद नहीं बनेगी, बल्कि जमीन की घेराबंदी करके छोड़ दिया जाएगा। मुल्क में चैन और सुकून कायम रहे, यही हमारी प्राथमिकता है।

वरिष्ठ शिया धर्मगुरु और इस्लामी विद्वान मौलाना कल्बे सादिक कहते हैं कि उनकी निजी राय है कि उच्चतम न्यायालय का फैसला आने से पहले मुसलमानों को चाहिए कि वे अयोध्या के विवादित स्थल की जमीन हिन्दुओं को मंदिर निर्माण के लिए सौंप दें। मौलाना कल्बे जव्वाद ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष से मुलाकात की और कहा कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, हम उसका सम्मान करेंगे।

अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने प्रदेश और देशवासियों से शांति की अपील की है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कुछ भी हो लेकिन देश में माहौल बिगाड़ने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। साथ ही सोशल मीडिया पर गलत बयान बाजियों से सबसे ज्यादा माहौल खराब होता है। सोशल मीडिया का लोग गलत तरीके से इस्तेमाल न करें। किसी को भी डर और खौफ में मुब्तिला होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अदालत का फैसला जो भी हो सबको चाहिए कि अमन और चैन बनाए रखें। फरंगी महली ने कहा कि फैसला जिनके पक्ष में आए वो खुशी में कोई ऐसा काम ना करे जिससे दूसरे पक्ष का दिल दुखे और ना ही जिनके खिलाफ आए वो विरोध करे। हर इंसान को देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान करना चाहिए।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad