छत्तीसगढ़ में बस्तर के पत्रकार के खिलाफ राष्ट्रदोह का मुकदमा दर्ज किया गया। पत्रकार शुक्ला ने फेसबुक पर कथित तौर पर देश की न्यायपालिका और सरकार के खिलाफ अपमानजनक कार्टून पोस्ट किया था। हालांकि शुक्ला ने मुकदमा दर्ज होने के एक दिन बाद एक और फेसबुक पोस्ट में इशारा किया कि कार्टून सीबीआई जज लोया की संदिग्ध मौत से जुड़ा था।
कांकेर के पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता कमल शुक्ला ने जस्टिस बृजगोपाल हरिकेशन लोया मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद 18 अप्रैल को एक कार्टून अपनी फेसबुक पर शेयर किया था।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पत्रकार कमल शुक्ला के खिलाफ कांकेर के कतवाली पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। कांकेर के पुलिस अधीक्षक केएल ध्रुव ने बताया, ‘हमने राजस्थान के रहने वाले एक शख्स की शिकायत पर शुक्ला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए (राष्ट्रद्रोह) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। रायपुर की साइबर सेल ने यह केस हमारे हवाले किया है। जांच चल रही है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी’।
केएल ध्रुव ने बताया कि इस कार्टून में न्याय की देवी धरती पर गिरी हुई है और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का भी चित्रण है।
शुक्ला ने इस कार्टून को शेयर करते हुए लिखा था कि यह वर्तमान न्याय व्यवस्था का सही चित्रण है। राजस्थान के बिदावर जिले के चुरू के एक युवक पुनीत जंगीर ने इस कार्टून को छत्तीसगढ़ पुलिस की साइबर अपराध शाखा को ऑनलाइन भेजकर एफआइआर दर्ज करने की मांग की थी।
केएल ध्रुव ने बताया कि हम मामले की जांच कर रहे हैं। फेसबुक मुख्यालय को पत्र लिखा गया है, जिसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सीजेआई को गलत ढंग से पेश किया गया था इसलिए राजद्रोह का अपराध दर्ज किया गया है। जांच के बाद साइबर अपराध की धाराएं भी जोड़ी जाएंगी।