हाईकोर्ट के इस फैसले से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तगड़ा झटका लगा है। नीतीश कुमार बिहार के अलावा अन्य राज्यों में भी शराबबंदी कानून को लागू करने की मांग पुरजोर तरीके से उठा रहे थे। हाईकोर्ट ने शराबबंदी कानून के कई प्रावधानों पर कड़ा एतराज जताया था। जिसमें शराब मिलने पर पूरे परिवार को जेल भेजने जैसे कानून शामिल थे। बेहद सख्त माने जा रहे बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2016 में शराब (जहरीली) पीने से हुई मौत के मामले में फांसी का प्रावधान किया था।
गौरतलब है कि शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश कुमार का विरोध भी हो रहा था। क्योंकि इस कानून के कड़े प्रावधान के कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। हाईकोर्ट ने इस कानून के खिलाफ दायर याचिका पर मई में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार शराबबंदी को लागू कराने के लिए स्टंटबाजी बंद करे। उस समय राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने जवाब में कहा था कि सरकार पूर्ण शराबबंदी लागू करने के लिए प्रतिबद्घ है। बिहार में इस साल एक अप्रैल से ही शराबबंदी लागू है।