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शर्मिला ने मणिपुर में 18 सैनिकों की हत्या की निंदा की

मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने मणिपुर में कल उग्रवादियों के हमले में 18 सैन्यकर्मियों की मौत की घटना निंदा की, लेकिन कहा कि दूरदराज इलाकों में शस्त्र बल विशेषधिकार कानून (आफ्स्पा) कोई उपयोग नहीं है।
शर्मिला ने मणिपुर में 18 सैनिकों की हत्या की निंदा की

एक स्थानीय अदालत में उपस्थित होने के लिए दिल्ली पहुंची शर्मिला ने कहा, ‘मैं कल की घटना की निंदा करती हूं। यह घटना उस इलाके में हुई है जहां आफ्सपा पूरी तरह लागू है। अगर आप मणिपुर से सेना को हटा लेते हैं तो इस तरह की अप्रिय घटनाएं स्वत: कम हो जाएंगी।’

उन्होंने कहा, ‘दूरदराज के इलाकों में आफ्सपा लगाने का कोई उपयोग नहीं है। मेरा मानना है कि आफ्स्पा ने किसी संगठन अथवा उग्रवादी को नहीं, बल्कि मणिपुर के लोगों को निशाना बनाया है।’

मणिपुर से आफ्सपा हटाने और शांति की अपील करते हुए शर्मिला ने कहा, सरकार को अपनी नीतियों में बदलाव करना चाहिए क्योंकि हिसंक रास्तों से सिर्फ हिंसा पैदा होगी। दिल्ली की अदालत ने आज एक मामले में तीन पुलिसकर्मियों के बयान अभियोजन पक्ष के गवाहों के तौर पर दर्ज किए, जिस मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला 2006 में यहां जंतर-मंतर पर अपने आमरण अनशन के दौरान कथित रूप से आत्महत्या की कोशिश करने के मामले में मुकदमे का सामना कर रहीं हैं।

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