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शिंगणापुर ग्राम सभा ने भूमाता ब्रिगेड के खिलाफ पारित किया प्रस्ताव

अहमदनगर के शनि शिंगणापुर मंदिर स्थित पवित्र चबूतरे पर महिलाओं के प्रवेश पर रोक की सदियों पुरानी परंपरा तोड़ने की कोशिश को पुलिस द्वारा विफल किये जाने के एक दिन बाद ग्राम सभा ने भूमाता ब्रिगेड और उसके कार्यकर्ताओं की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है।
शिंगणापुर ग्राम सभा ने भूमाता ब्रिगेड के खिलाफ पारित किया प्रस्ताव

शिंगणापुर की ग्राम सभा की एक बैठक में ब्रिगेड और उसकी प्रमुख तृप्ति देसाई की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। कल कार्यकर्ताओं ने शनि भगवान की पूजा करने के लिए निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर इस मंदिर की ओर बढ़ने का प्रयास किया था। पुलिस ने इन कार्यकर्ताओं को सूपा गांव में हिरासत में ले लिया लेकिन उन्हें कुछ घंटे बाद शाम को छोड़ दिया गया। इन महिला कार्यकर्ताओं को बस में वापस पुणे भेज दिया गया।

हिरासत में ली गई महिलाओं को सूपा में एक विवाह भवन में रखा गया था जहां उन्होंने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया और नारे लगाए। इस कार्रवाई का विरोध करते हुए महिला कार्यकर्ता सड़क पर लेट गईं और वे चिल्ला रही थीं कि गणतंत्र दिवस के दिन यह महिलाओं के लिए काला दिवस है। नाराज देसाई ने जानना चाहा कि महिलाओं से भेदभाव क्यों हो रहा है और उन्होंने जोर देकर कहा कि कार्यकर्ता अपनी योजना के अनुसार आगे बढ़ेंगी।

महिलाओं के समर्थन में आए फडणवीस  

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंदिर प्रशासन और कार्यकर्ताओं के बीच बातचीत का समर्थन किया ताकि महिलाओं के मंदिर के भीतरी क्षेत्र स्थित पवित्रा चबूतरे पर प्रतिबंध को लेकर रास्ता निकाला जा सके। फडणवीस ने कहा कि महिलाओं को पूजा करने का अधिकार है। गृह प्रभार संभालने वाले फडणवीस ने ट्वीट किया, भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म महिलाओं को पूजा का अधिकार देता है। कल की परंपरा में परिवर्तन हमारी संस्कृति है। पूजा में भेदभाव हमारी संस्कृति में नहीं है। मंदिर प्रशासन को इस मुद्दे को बातचीत से सुलझाना चाहिए।

महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री राम शिंदे ने कहा कि सरकार एक सौहार्दपूर्ण हल निकालने के लिए शनि शिंगणापुर मंदिर प्रशासन और महिला कार्यकर्ताओें के बीच बातचीत की पहल करेगी।

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