भाजपा के नेतृत्व में केंद्र और महाराष्ट्र में चल रही सत्ता में शिवसेना भागीदार है। पर दोनों के बीच असहज संबंध किसी से छिपे नहीं। भाजपा पर निशाना साधने का शिवसेना कोई मौका नहीं छोड़ती। अब उसने एनसीपी से हाथ मिलाकर ठाणे जिला परिषद की सत्ता हासिल करने के भाजपा की मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
सोमवार को शिवसेना की मंजूष्ाा यादव अध्यक्ष और एनसीपी के सुभाष पवार उपाध्यक्ष चुने गए। भाजपा उम्मीदवार के अंतिम समय में नाम वापस लेने के कारण दोनों निर्विरोध चुने गए। 53 सदस्यीय ठाणे जिला परिषद के लिए पिछले महीने चुनाव हुए थे। 26 सीटों पर कब्जा जमाकर शिवसेना सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। एनसीपी को 10, भाजपा को 16 और निर्दलीय को एक सीट पर जीत मिली थी।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता और ठाणे के प्रभारी एकनाथ शिंदे ने बताया कि यह समझौता शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी सुप्रीमो शरद यादव के बीच हुई बातचीत पर आधारित है। दोनों दल विकास के मुद्दे पर साथ हैं और यह समझौता स्थानीय स्तर पर हुआ है। भविष्य में अन्य चुनावों में दोनों दलों के गठजोड़ की संभावना को लेकर शिंदे ने प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।