ममता बनर्जी अपनी पुरानी सीट भवानीपुर से उपचुनाव लड़ेंगी। इस सीट से तृणमूल कांग्रेस के मौजूदा विधायक शोभनदेव चटर्जी ने शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय को इस्तीफा दे दिया। 2 मई को घोषित विधानसभा चुनाव के नतीजों में ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट पर भाजपा प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं। नियम के मुताबिक उन्हें छह महीने के भीतर चुनाव जीत कर विधानसभा में आना पड़ेगा, तभी वे मुख्यमंत्री रह सकती हैं।
नंदीग्राम से पहले ममता बनर्जी भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ती आई हैं। दूसरी ओर, शोभनदेव रासबिहारी सीट से चुनाव लड़ते थे। इस बार ममता के नंदीग्राम जाने के कारण वे भवानीपुर से लड़े थे। वहां उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी अभिनेता रुद्रनील घोष को हराया था।
शोभनदेव एक समय दक्षिण 24 परगना जिले की बारुईपुर सीट पर कांग्रेस के विधायक हुआ करते थे। रासबिहारी के कांग्रेस विधायक की मौत के बाद 1998 में उपचुनाव हुआ तो शोभनदेव ने बारुईपुर के विधायक पद से इस्तीफा देकर रासबिहारी सीट पर तृणमूल कांग्रेस की तरफ से पर्चा भरा और जीते। इस तरह वे तृणमूल कांग्रेस के पहले विधायक बने थे।
प्रदेश विधानसभा में 294 सीटें हैं। इनमें से दो सीटों पर प्रत्याशियों की मौत के कारण चुनाव नहीं हुए थे। एक सीट पर मतदान के बाद प्रत्याशी की मौत हो गई। इनके अलावा भाजपा के पांच सांसदों ने भी विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिनमें से तीन हार गए थे। पार्टी ने फैसला किया है कि बाकी दोनों भी सांसद ही रहेंगे, इसलिए उन्होंने विधानसभा की सदस्यता ग्रहण नहीं की। अब भवानीपुर से शोभनदेव के इस्तीफा देने के बाद कुल छह सीटों पर उपचुनाव होंगे।